उम्मीद पोर्टल की समस्याओं का जल्द से जल्द हो समाधान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

उम्मीद पोर्टल की समस्याओं का जल्द से जल्द हो समाधान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
वक्फ संपत्तियों का ब्योरा दर्ज कराने में लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि उम्मीद पोर्टल की धीमी गति, बार-बार क्रैश होने और विभिन्न तकनीकी कठिनाइयों को देखते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने जल्द जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की है।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। वक्फ संपत्तियों का ब्योरा दर्ज कराने में लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि उम्मीद पोर्टल की धीमी गति, बार-बार क्रैश होने और विभिन्न तकनीकी कठिनाइयों को देखते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने जल्द जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस संबंध में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री के साथ एक तत्काल बैठक का अनुरोध किया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पोर्टल की समय सीमा बढ़ाने से इनकार करने के बाद, देश भर के मुतवल्ली वक्फ संपत्तियों को अपलोड करने के लिए दौड़ पड़े।

हालांकि, हर जगह से ऐसी खबरें आ रही हैं कि पोर्टल बार-बार क्रैश हो रहा है, धीमा हो रहा है और कभी-कभी पूरी तरह से बंद हो रहा है। इससे जाहिर है कि इतने कम समय में लाखों संपत्तियों को अपलोड करना लगभग असंभव है।

इसलिए, बोर्ड ने अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री के साथ तुरंत बैठक करने, इन कठिनाइयों की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने और अनुरोध करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने कहा कि उम्मीद है कि पोर्टल से जुड़ी न केवल तकनीकी समस्याओं का समाधान किया जाए, बल्कि पोर्टल की समय सीमा भी बढ़ाई जाए।

बोर्ड के प्रवक्ता के अनुसार, इस संबंध में बोर्ड के महासचिव मौलाना मुहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने बुधवार को मंत्री को ईमेल और डाक द्वारा एक पत्र भेजा। महासचिव ने अपने पत्र में मंत्री को याद दिलाया कि सरकार की मंशा थी कि वक्फ बोर्डों में पहले से पंजीकृत सभी वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर अपलोड किया जाए।

हालांकि, पोर्टल की धीमी गति और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसके अलावा, आठ लाख से अधिक संपत्तियों को अपलोड करने के लिए दी गई अवधि बहुत कम थी। हालांकि, बोर्ड और विभिन्न धार्मिक एवं सामुदायिक संगठनों ने देश भर में कार्यशालाएं आयोजित कीं और कई स्थानों पर 'हेल्प डेस्क' स्थापित किए, फिर भी काम की मात्रा बहुत अधिक थी।

डॉ. इलियास ने आगे कहा कि यदि मंत्री से मिलने का समय मिलता है तो प्रतिनिधिमंडल में बोर्ड के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रमुख धार्मिक एवं सामुदायिक संगठनों के प्रमुख भी शामिल होंगे।

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Created On :   3 Dec 2025 8:47 PM IST

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