तिरुवनंतपुरम में प्रसव के बाद महिला की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

तिरुवनंतपुरम में प्रसव के बाद महिला की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमसीएच) में प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया है।

तिरुवनंतपुरम, 9 नवंबर (आईएएनएस)। तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमसीएच) में प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया है।

करिक्ककम की रहने वाली मृतका शिवप्रिया ने 22 अक्टूबर को अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी के माध्यम से अपने दूसरे बच्चे, एक लड़के को जन्म दिया था।

डिलीवरी के तीन दिन बाद 25 अक्टूबर को महिला को छुट्टी दे दी गई, लेकिन घर लौटने के तुरंत बाद महिला को बुखार और अन्य लक्षण दिखाई दिए, जिसके चलते परिजनों ने उसे अगले दिन फिर से अस्पताल में भर्ती कराया।

उनके भाई शिवप्रसाद के अनुसार शिवप्रिया की हालत तेजी से बिगड़ती गई।

उन्होंने कहा कि संक्रमण बिगड़ने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज के मल्टी-स्पेशलिटी विंग में स्थानांतरित कर दिया गया। वह दो दिनों तक आईसीयू में रहीं और बाद में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। रविवार दोपहर को डॉक्टरों ने हमें सूचित किया कि उनकी मृत्यु हो गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि संक्रमण डिलीवरी के बाद लगे टांकों से हुआ था।

उन्होंने दावा किया कि संक्रमण उसके खून और फेफड़ों में फैल गया। हमें बताया गया कि यह एसिनेटोबैक्टर नामक बैक्टीरिया के कारण हुआ था, जो आमतौर पर अस्पताल के वातावरण में पाया जाता है। मेरी बहन को ढाई साल पहले अपनी पहली डिलीवरी के दौरान कोई परेशानी नहीं हुई थी, इसलिए यह स्पष्ट रूप से अस्पताल की लापरवाही के कारण हुआ है।

शिवप्रिया के परिवार में उनके पति मनु और उनके दो बच्चे हैं, जिनमें एक नवजात भी शामिल है।

परिवार ने इस मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया कि यदि कोई चूक पाई जाती है तो वह कड़ी कार्रवाई करे।

इस बीच एसएटी अस्पताल की अधीक्षक बिंदु ने किसी भी लापरवाही से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि संक्रमण स्थानीय प्रकृति का प्रतीत होता है। अगर यह अस्पताल में रहने के दौरान हुआ होता तो लक्षण बहुत पहले दिखाई देते। उसे छुट्टी मिलने के बाद ही बुखार और दस्त हुए।

उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि वार्ड में अन्य रोगियों में संक्रमण का ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।

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Created On :   9 Nov 2025 10:50 PM IST

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