स्वास्थ्य/चिकित्सा: न्यूजीलैंड के सबसे घनी आबादी वाले शहर ऑकलैंड में वायु प्रदूषण की स्‍थ‍ित‍ि गंभीर अध्‍ययन

न्यूजीलैंड के सबसे घनी आबादी वाले शहर ऑकलैंड में वायु प्रदूषण की स्‍थ‍ित‍ि गंभीर  अध्‍ययन
एक शोध में कहा गया है कि न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में वायु प्रदूषण की स्‍थ‍ित‍ि बदतर हो चुकी है।

वेलिंगटन, 10 जनवरी (आईएएनएस)। एक शोध में कहा गया है कि न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में वायु प्रदूषण की स्‍थ‍ित‍ि बदतर हो चुकी है।

ऑकलैंड विश्वविद्यालय के शोध में कहा गया है कि जब तक मोटर वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ऑकलैंड में वायु प्रदूषण से बीमारियां बढ़ सकती है।

2015-2017 के आंकड़ों के आधार पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि अधिक घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारी अस्थमा का प्रकोप बढ़ा है। यह बीमारी वायु प्रदूषण विशेष रूप से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और जनसंख्या घनत्व से जुड़ा है।

अध्ययन में कहा गया है कि यातायात, घरेलू आग और उद्योग आद‍ि वायु प्रदूषण के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। अध्‍ययन में कहा गया क‍ि घनी आबादी वाले शहरों के लिए योजना बनाते समय यातायात को कम करने के लिए परिवहन सुधारों पर विचार किया जाना चाहिए।

समाचार एजेंसी श‍िन्‍हुआ ने बताया, ''ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित शोध ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में जनसंख्या घनत्व, वायु प्रदूषण और संबंधित स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों की खोज की गई।''

पिछले नवंबर में देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अत्यधिक संक्रामक काली खांसी महामारी के शुरुआती चरणों की घोषणा करने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर काम करना शुरू किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि न्यूजीलैंड में कई सप्ताहों से काली खांसी के मामले लगातार बढ़ रहे है। बयान में देश में पिछली बार 2017 में काली खांसी का बड़ा प्रकोप होने का हवाला दिया गया, जो कई महीनों तक चला था।

पर्यावरण विज्ञान और अनुसंधान संस्थान के अनुसार, मई, जून और जुलाई में काली खांसी के मामले लगातार बढ़ते रहे।

स्वास्थ्य मंत्रालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य के निदेशक निकोलस जोन्स ने कहा कि मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि न्यूजीलैंड को अगले 12 महीनों या उससे अधिक समय में इसी तरह के मामलों के लिए तैयार रहना चहिए। कई देश काली खांसी के रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे है।

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Created On :   10 Jan 2025 7:05 PM IST

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