बिहार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी: 'असल में 69 लाख नाम मतदाता सूची से हटा...' दीपांकर भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप

असल में 69 लाख नाम मतदाता सूची से हटा... दीपांकर भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप
अंतिम मतदाता लिस्ट जारी होने के बाद कहा कि उसमें गड़बड़ियां पाई गई हैं। यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) खत्म होने के बाद इसी सप्ताह के शुरुआत में जारी की गई थी।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के कुछ पहले भाकपा (माले) लिबरेशन पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने राज्य की अंतिम मतदाता लिस्ट जारी होने के बाद कहा कि उसमें गड़बड़ियां पाई गई हैं। यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) खत्म होने के बाद इसी सप्ताह के शुरुआत में जारी की गई थी। उन्होंने इस मामले को लेकर निर्वाचन आयोग को घेरने की बात भी कही है।

उन्होंने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा, "असल में 69 लाख नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं, जो एसआईआर से पहले की सूची में थे।" उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए बताया, "अगस्त में जब मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की गई, तब 65 लाख से अधिक नाम हटाए गए। अंतिम सूची से 3.66 लाख नाम और हटा दिए गए। कुल मिलाकर 69 लाख नामों को हटाया गया है। वहीं 21.53 लाख नए नाम जोड़े गए हैं। इस वजह से शुद्ध वृद्धि 47 लाख के रूप में दिखाई दे रही है।"

पार्टी महासचिव ने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि जो नए नाम जोड़े गए हैं, उनमें से कितने ऐसे लोग हैं, जिनके नाम मसौदे से हटाए जाने पर आपत्ति जताई गई थी। निर्वाचन आयोग को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अंतिम मसौदे के बाद 3.66 लाख नाम क्यों हटाए गए और क्या संबंधित व्यक्तियों को सुनवाई का अवसर दिया गया। ताजा मतदाता सूची में महिला मतदाताओं का अनुपात जून की तुलना में कम हो गया है। इसका कारण बताना जरूरी है।"

उन्होंने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए बताया, "इतनी बड़ी कवायद पर प्रेस वार्ता आयोजित नहीं की गई। हम यह मानने को तैयार नहीं हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु या पलायन अधिक संख्या में हुआ है। दुर्भाग्य से निर्वाचन आयोग ने शुरुआत और समापन की घोषणा केवल प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से की। हमें मीडिया में स्रोत-आधारित रिपोर्टों पर निर्भर रहना पड़ा।"

उनका आगे कहना है, "फिर भी हम शनिवार को जब आयोग बिहार आएगा, तो सभी गड़बड़ियों को उसके सामने रखेंगे। सही तथ्य सामने आना जरूरी है क्योंकि उच्चतम न्यायालय अगले हफ्ते एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा और हम भी उनमें याचिकाकर्ता हैं।"

Created On :   4 Oct 2025 4:24 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story