बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कसबा चुनावी नतीजे में देखने को मिलता है रणनीतियों में बदलाव,प्रशासनिक कड़ाई और शहरीकरण का असर

कसबा चुनावी नतीजे में देखने को मिलता है रणनीतियों में बदलाव,प्रशासनिक कड़ाई और शहरीकरण का असर

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में कसबा विधानसभा क्षेत्र, पूर्णिया जिले में आता है। 1967 में गठित, कसबा विधानसभा क्षेत्र में अब तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके है। क्षेत्र में सबसे अधिक सफलता कांग्रेस को मिली है, कांग्रेस को पहले छह चुनावों (1967 से 1977) में लगातार जीत हासिल की और कुल 9 बार विजयी रही। कांग्रेस ने 2010, 2015 और 2020 में लगातार तीन बार जीत दर्ज की। 2020 के चुनाव में, मो. अफाक आलम की जीत हुई। कसबा में 40.20% मुस्लिम मतदाता है, हजारों लोग रोजगार के लिए पलायन कर जाते है।

बीजेपी ने यहां 1995, 2000 और अक्टूबर 2005 में जीत हासिल की, जबकि जनता दल ने 1990 में और समाजवादी पार्टी ने फरवरी 2005 में जीत दर्ज की थी, उस समय मो. अफाक आलम समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे, जो अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और तीन बार से लगातार विधायक हैं।

समतल होने की वजह इलाका कृषि योग्य है, कृषि आर्थिक अर्थव्यवस्था का आधार है। रणनीतियों में बदलाव, प्रशासनिक कड़ाई और शहरीकरण का असर चुनावी नतीजे में पता चलेगा। एसआईआर से वोटिंग लिस्ट में बदलाव देखने को मिले है। अबकी चुनाव में यहां महागठबंधन की मजबूत स्थिति है,लेकिन एनडीए गठबंधन भी कड़ी टक्कर देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   2 Nov 2025 2:57 PM IST

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