बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदाता सूची की SIR पर विपक्षी नेताओं ने साधा निशाना, बेदखली की योजना है, पूरा बिहार इसे वोटबंदी कह रहा है- सांसद झा

- 25 दिनों के अंदर सिर्फ 11 दस्तावेज ही वैध होंगे और बाकी सभी अवैध- आरजेडी
- मतदाता सूची में पलायन करके आए लोगों के वोट बोगस वोट-बीजेपी
- स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन से ईसी बीजेपी के इशारे पर परंपरागत मतदाताओं के नाम हटाना चाहता है-कांग्रेस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आरजेडी सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना पर कहा हमने मुख्य चुनाव आयुक्त और बाकी दो चुनाव आयुक्तों से अपील की, छोटे-छोटे सवाल पूछे, हमने कहा कि 22 साल में ऐसा नहीं हुआ, हमने उनसे कहा कि जब आपने कार्यभार संभाला था तो आपने कहा था कि मेरे सारे फैसले राजनीतिक दलों से बात करने के बाद होंगे, तो आपने किससे बात की? आपने सिर्फ एक से बात की और वही काफी था? आपने कहां से तय कर लिया कि 25 दिनों के अंदर सिर्फ 11 दस्तावेज ही वैध होंगे और बाकी सभी अवैध होंगे। ये बेदखली की योजना है, पूरा बिहार इसे वोटबंदी कह रहा है। इस संदर्भ में हमने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सबसे मौलिक अधिकार, वोट के अधिकार पर काले बादल मंडरा रहे हैं, इसे रोकें।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कहा हम अपनी पार्टी में बैठकर चर्चा करेंगे और इस पर फैसला लेंगे। हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि इतने कम समय में आप S.I.R. कैसे कर पाएंगे, आप उन लोगों का जन्म प्रमाण पत्र क्यों मांग रहे हैं जिन्होंने अपना पता बदल लिया है, जो अब कहीं और चले गए हैं। बिहार में कुछ नहीं हुआ, रोजगार नहीं है, इसलिए वे लोग मजबूरी में बाहर गए। हमने ये सारी समस्याएं चुनाव आयोग के सामने रखी हैं> अगर जल्दबाजी में 15-20% लोगों के भी नाम छूट गए तो ये नागरिकता का मामला बन जाएगा। इसलिए हम कहते हैं कि हम S.I.R. के खिलाफ नहीं हैं लेकिन समय तो दीजिए।
भाजपा सांसद किरण चौधरी ने कहा, "बिहार में बहुत सारे लोग पलायन करते हैं, मतदाता सूची में उनके नाम होते हैं। वो निश्चित तौर पर बोगस वोट माने जाएंगे। अभी तक वे(राजद) उसका फायदा उठाते आ रहे थे। अब चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लिया है।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) पर कहा अगर चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर परंपरागत मतदाताओं के नाम हटाना चाहता है, तो इसे संवैधानिक रूप से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और हम इसे जनता की अदालत में भी चुनौती देंगे। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक या जो गरीब उनके परंपरागत विरोधी हैं उनके नाम हटाने की भाजपा की साजिश हमें स्वीकार नहीं है।
Created On :   7 July 2025 12:58 PM IST