चेन्निथला ने केरल में शीर्ष कांग्रेस नेताओं के बीच शांति की वकालत की
तिरुवनंतपुरम, 1 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, राज्य पार्टी अध्यक्ष के. सुधाकरन और पूर्व अध्यक्ष वी.एम. सुधीरन के बीच सार्वजनिक बहस के एक दिन बाद पार्टी के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक रमेश चेन्निथला ने पार्टी के सभी लोगों से शांति बनाए रखने को कहा।
चेन्निथला ने कहा कि लोकसभा चुनाव करीब हैं और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि पार्टी नेतृत्व आलाकमान के निर्देशों का उल्लंघन न करे और सभी अनुशासन सुनिश्चित करें।
चेन्निथला ने कहा, "अगर सुधीरन के पास कोई मुद्दा है, तो अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीसन को इस पर बात करनी चाहिए और सभी मुद्दों को सुलझाना चाहिए।"
केरल में कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी का इतिहास 70 के दशक में शुरू हुआ और तीन दशकों तक जारी रहा,, जब दिग्गज के. करुणाकरण और ए.के. एंटनी गुट के नेता थे। ज्यादातर मौकों पर करुणाकरन ही जीते।
उनके बाद एंटनी के गुट का नेतृत्व ओमन चांडी ने और दूसरे गुट का चेन्निथला ने किया जो करुणाकरण के शिष्य थे।
पार्टी अध्यक्ष पद के लिए 2014 में सुधीरन के आश्चर्यजनक चयन के बाद पार्टी के लिए चीजें बदल गईं। तब तक चांडी ने सर्वोच्च शासन किया और हालांकि दोनों पूर्ववर्ती एंटनी गुट में शीर्ष नेता थे, चांडी शराब नीति को लेकर सुधीरन के गंभीर दबाव में आ गए।
यह वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की हार के साथ समाप्त हुआ और 2021 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में दोबारा चुने जाने वाली पहली सरकार बनाकर इतिहास रच दिया।
इसके बाद, सुधीरन ने पद छोड़ दिया और राजनीतिक एकांत में रह रहे थे। पिछले सप्ताह उन्होंने लंबे समय के बाद पार्टी की नेतृत्व बैठक में हिस्सा लिया और सुधाकरन पर जमकर निशाना साधा।
सुधाकरन ने मीडिया में सुधीरन की आलोचना की और इस पर पलटवार करते हुए सुधीरन ने कहा कि वह कुछ अन्य लोगों के विपरीत लंबे समय से पार्टी में हैं।
सुधीरन की तुलना में सुधाकरन कनिष्ठ हैं और दूसरी पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया आलोचक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी गलतियों से कभी नहीं सीखती है। एकता में कोई भी गड़बड़ी आगामी लोकसभा चुनावों में उसकी किस्मत को प्रभावित करेगी।
आलोचक ने कहा, “जितनी जल्दी ये नेता इसे ख़त्म करेंगे, कांग्रेस के लिए उतना ही अच्छा होगा। जरा वामपंथियों को देखें, विजयन को सत्ता में आए लगभग आठ साल हो गए हैं और ऐसे कई आरोप हैं जिनसे सरकार पर असर पड़ा है। क्या वामपंथ में भी कोई सुगबुगाहट थी? यहां कांग्रेस पार्टी को अपने तरीके सुधारने होंगे।''
--आईएएनएस
एकेजे
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Created On :   1 Jan 2024 8:14 PM IST