सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के स्कूलों में नीट के खिलाफ द्रमुक के चलाए हस्ताक्षर अभियान के खिलाफ याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के स्कूलों में नीट के खिलाफ द्रमुक के चलाए हस्ताक्षर अभियान के खिलाफ याचिका खारिज की
नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चेन्नई के एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें स्कूल परिसरों के अंदर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) यानी नीट के खिलाफ तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक द्वारा शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान पर रोक लगाने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चेन्नई के एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें स्कूल परिसरों के अंदर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) यानी नीट के खिलाफ तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक द्वारा शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान पर रोक लगाने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

जस्टिस सूर्यकांत और के.वी. विश्‍वनाथन की पीठ ने आदेश में कहा, "हमारा मानना है कि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत हमारे अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। इसलिए, हम इस रिट याचिका पर विचार करने से इनकार करते हैं।"

याचिका में कहा गया है कि सत्तारूढ़ द्रमुक ने तमिलनाडु में नीट परीक्षा के आयोजन के विरोध में हस्ताक्षर अभियान की घोषणा की और 50 दिनों में 50 लाख हस्ताक्षर एकत्र करने का लक्ष्य रखा।

इसमें कहा गया है, "सत्तारूढ़ दल में होने का फायदा उठाते हुए स्कूल परिसर के अंदर राजनीतिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और वह भी नीट के विरोध में इस विशेष हस्ताक्षर अभियान को स्कूली छात्रों से प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।"

"स्कूल परिसर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है और स्कूल के समय और स्कूल परिसर में स्कूली छात्रों से हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं... और यह बच्चों के माता-पिता की अनुमति के बिना किया जा रहा है।"

जनहित याचिका में सवाल उठाया गया कि क्या स्कूली छात्रों को ऐसी राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है और उनके हस्ताक्षर माता-पिता की अनुमति के बिना प्राप्त किए जा सकते हैं।

तमिलनाडु विधानसभा ने राज्य में एनईईटी पर प्रतिबंध लगाने वाले दो विधेयक पारित किए हैं और प्लस टू परीक्षाओं में अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश को वापस कर दिया है। राज्यपाल आर.एन. रवि ने पहले विधेयक पर सहमति नहीं दी, मगर विधानसभा ने राज्य में नीट को खत्‍म करने वाला एक और विधेयक पारित किया, जिसे राज्यपाल ने राष्ट्रपति के पास उनकी सहमति के लिए भेजा था।

सत्तारूढ़ द्रमुक ने 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान तमिलनाडु के लोगों से वादा किया था कि वह राज्य में नीट को खत्म कर देगी।

--आईएएनएस

एसजीके

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Created On :   3 Jan 2024 11:40 AM IST

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