बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामी नेता ने दी सभी मूर्तियों को तोड़ने की चेतावनी

Bangladeshs radical Islamic leader warns of breaking all idols
बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामी नेता ने दी सभी मूर्तियों को तोड़ने की चेतावनी
बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामी नेता ने दी सभी मूर्तियों को तोड़ने की चेतावनी
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ढाका, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कट्टरपंथी इस्लामिक समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के नए प्रमुख जुनैद बाबूनगरी ने धमकी दी है कि वह सभी मूर्तियों को तोड़ देंगे और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें किन पार्टियों ने लगाया है।
कट्टरपंथी नेता ने चेतावनी दी है, मूर्ति लगाना शरिया के खिलाफ हैं, चाहे वह किसी की भी हो। मैं किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लूंगा। लेकिन मैं अल्लाह की कसम खाता हूं, अगर कोई मेरे पिता की भी प्रतिमा बनवाता है, तो उसे हटवाने वाला मैं पहला व्यक्ति होऊंगा। मैं सभी प्रतिमाओं को तोड़ दूंगा, चाहे उन्हें किसी भी पार्टी ने बनाया या लगाया हो।

बाबूनगरी ने शुक्रवार की रात चटग्राम के हत्जारी में जमात-ए-इस्लाम द्वारा आयोजित कट्टरपंथी समूहों की महफिल में यह बयान देते हुए सरकार से 4 और मांगें कीं। उन्होंने बांग्लादेश में इस्कॉन की गतिविधियों को रोकने, आधिकारिक तौर पर अहम्दिया को गैर-मुस्लिम घोषित करने, फ्रांस के दूतावास और फ्रांसीसी राजदूत को हटाने और संसद में फ्रांस की निंदा का प्रस्ताव पारित करने की मांग की है।

बाबूनगरी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को चेतावनी देते हुए कहा, मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। आपकी गर्दन पर बैठे नास्तिक आपको नुकसान पहुंचाएंगे। वे आपको मार देंगे। हम आपके दुश्मन नहीं हैं। हम देश में शांति और व्यवस्था चाहते हैं।

3 दिन के इस कार्यक्रम के आखिरी दिन हिफाजत के संयुक्त महासचिव मामुनुल हक को इसमें शामिल होना था लेकिन सत्ताधारी अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा ढाका में स्वतंत्रता नायक शेख मुजीबुर रहमान बंगबंधु की प्रतिमा के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणी पर चल रहे विरोध के कारण वे नहीं आ सके।

बाबूनगरी ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा है कि बांग्लादेश को मदीना के चार्टर के अनुरूप चलाया जाएगा। अगर यह सच है तो इस देश में इस्लाम के खिलाफ कुछ भी नहीं किया जा सकता। मदीना के चार्टर के अनुसार देश में कोई प्रतिमा नहीं हो सकती है।

बता दें कि 13 नवंबर को मुजीब वर्ष के मौके पर बंगबंधू की मूर्ति की स्थापना का विरोध ढाका में तौहीदी जनता ओइक्या परिषद के बैनर तले कट्टरपंथियों की एक रैली आयोजित की गई थी। इसका कई नेताओं ने विरोध किया था।

बाद में 15 नवंबर को चटगांव में एक समारोह में उप शिक्षा मंत्री और चटगांव -9 के सांसद महिबुल हसन चौधरी नवाफेल ने कहा, अगर बंगबंधु की मूर्ति स्थापित करने का विरोध करने वालों ने माफी नहीं मांगी तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कट्टरपंथी समूह को बहुत दूर तक न जाने की चेतावनी भी दी।

एसडीजे/वीएवी

Created On :   28 Nov 2020 9:30 AM IST

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