बीजेपी ने सभी मोर्चो में महिलाओं और दलितों की भागीदारी बढ़ाने पर दिया जोर

BJP emphasizes on increasing participation of women and Dalits in all fronts
बीजेपी ने सभी मोर्चो में महिलाओं और दलितों की भागीदारी बढ़ाने पर दिया जोर
बीजेपी ने सभी मोर्चो में महिलाओं और दलितों की भागीदारी बढ़ाने पर दिया जोर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग की कवायद तेज की है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्षों से राज्य में सभी मोर्चे में महिलाओं, दलितों और अनुसूचित जनजातियों को जगह देने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों के बाद राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने इस बारे में सभी प्रदेश अध्यक्षों और महामंत्रियों को पत्र भेजा है।

बीजेपी मुख्यालय की तरफ से जारी निर्देशों में कहा गया है, मोर्चे की कार्यसमितियों का समय से गठन हो। युवा मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, किसान मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा के पदाधिकारियों में कम से कम एक महिला वहीं युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, एवं महिला मोर्चा में दो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के पदाधिकारी हों।

इस प्रकार देखा जाए तो पार्टी ने अनुसूचित जाति मोर्चा के अलावा अन्य मोर्चे में भी दलितों की भागीदारी बढ़ाने की तैयारी की है। वहीं महिला मोर्चा के अलावा अन्य मोचरें में भी महिलाएं नजर आएंगी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश संगठनों से यह भी कहा है कि सभी प्रदेशों की कार्यसमिति की बैठक इसी महीने अगस्त में वर्चुअल मीटिंग के जरिए आयोजित की जाएं। कार्यसमिति में चार सत्र हों। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि ये बैठकें व्यवस्थित रूप से तकनीक का प्रयोग करते हुए आयोजित हों। बैठको के बारे में पहले से मुख्यालय को जानकारी देनी जरूरी है।

दरअसलए भाजपा सभी प्रदेशों में नए अध्यक्ष नियुक्त कर चुकी है। हालांकि अभी अधिकतर प्रदेशों की टीम और कार्यसमितियों का गठन बाकी है। ऐसे में भाजपा मुख्यालय से प्रदेश, जिला और मंडल कार्यसमितियों के शीघ्र गठन की गाइडलाइंस जारी की गई है। ताकि सभी वर्गों का कार्यमसमितियों से लेकर विभिन्न मोचरें में प्रतिनिधित्व हो सके।

भाजपा के एक वरिष्ठ राष्ट्रीय पदाधिकारी ने आईएएनएस से कहा, भाजपा एक समावेशी पार्टी है। जहां महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति सभी की भागीदारी और सम्मान का ख्याल रखा जाता है। इसलिए सभी फ्रंटल आर्गनाइजेशन (मोचरे) में इन वर्गों की भागीदारी को अनिवार्य किया गया है। मोचरें के गठन से पहले इसकी गाइडलाइंस प्रदेश इकाइयों को जारी कर दी गई है।

 

 

Created On :   9 Aug 2020 9:01 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story