दुष्कर्म पीड़िता के परिवार की मदद न करने पर भाजपा विधायक को गांव छोड़ना पड़ा
डिजिटल डेस्क, पटना। भाजपा विधायक लखेंद्र कुमार रौशन को मंगलवार को बिहार के वैशाली जिले स्थित अपने पैतृक गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि स्थानीय निवासियों ने दुष्कर्म और हत्या के एक मामले के प्रति उनकी उदासीनता का कड़ा विरोध किया। रौशन घटना के तीन दिन बाद पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र पाटेपुर (एससी) के अंतर्गत अपने पैतृक गांव शाहपुर बिजरौली गए थे। लेकिन उनके काफी देर से पहुंचने पर लोग आक्रोशित हो उठे। ग्रामीणों ने कहा कि इसी गांव से हैं, लेकिन घटना के तीन दिन बाद आए।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें ग्रामीणों को विधायक वापस जाओ के नारे लगाते हुए और अपने काफिले को वापस जाने के लिए मजबूर करते हुए दिखे जा रहा है। गांव वाले वीडियो में कह रहे थे, इस गांव में उनके लिए कोई जगह नहीं है। पीड़िता (दलित किशोरी) एक सप्ताह पहले अपने घर से लापता हो गई थी और उसके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसे गांव के एक दबंग व्यक्ति ने अपहरण कर लिया था।
पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने कहा, हमने दबंग व्यक्ति से मेरी बेटी को वापस करने का अनुरोध किया और उसने हमें कुछ दिनों के बाद उसे घर वापस भेजने का आश्वासन दिया था। उसने वादा नहीं निभाया। मेरी बेटी का अर्ध-नग्न शव तीन दिन पहले गांव के तालाब के पास मिला था। घटना के बाद ग्रामीणों ने गांव में कैंडल मार्च निकाला और स्थानीय प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। घटना के बाद राजद नेता शिवचंद्र राम और राजपाकड़ विधानसभा क्षेत्र से राजद विधायक प्रतिमा कुमार ने गांव का दौरा किया और परिजनों को सांत्वना दी। पीड़िता के एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, जब लड़की को उस दबंग ने अगवा कर लिया तो घटना की जानकारी जिला प्रशासन और सभी जनप्रतिनिधियों को हो गई थी। रौशन स्थानीय विधायक हैं और इसी गांव के रहने वाले हैं, फिर भी वह नहीं आए। वह पहल करते तो लड़की की जान बचाई जा सकती थी।
(आईएएनएस)
Created On :   28 Dec 2021 6:30 PM GMT