बोम्मई का नेतृत्व, येदियुरप्पा की रणनीति और मोदी की लोकप्रियता के सहारे कर्नाटक जीतने की रणनीति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण भारत में भाजपा के विस्तार की बात करें तो कर्नाटक, दक्षिण भारत का वह राज्य है जहां सबसे पहले भाजपा का कमल खिला, जहां वर्तमान में भी भाजपा की ही सरकार है लेकिन 2018 में आए चुनाव परिणाम के इतिहास से सबक लेते हुए भाजपा इस बार अपनी चुनावी रणनीति में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। राज्य में वर्तमान सरकार का कार्यकाल अगले वर्ष खत्म होने जा रहा है इसलिए 2023 में होने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारी भाजपा ने अभी से शुरू कर दी है।
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों पर पूरी तरह से विराम लगाते हुए कुछ दिन पहले ही भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवं कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने यह साफ कर दिया कि पार्टी अगले वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव में वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी यानी राज्य में अब नेतृत्व परिवर्तन नहीं होने जा रहा है।
दरअसल, राज्य के राजनीतिक माहौल को देखते हुए भाजपा आलाकमान ने जुलाई 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन येदियुरप्पा की सांगठनिक क्षमता और पूरे कर्नाटक में उनके प्रभाव को देखते हुए भाजपा आलाकमान को इस बात का भी बखूबी अहसास था कि उन्हें इग्नोर नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पद से हटाने के बावजूद भाजपा आलाकमान ने येदियुरप्पा को लगातार तवज्जो दी और उनकी सलाहों को सुना भी।
हाल ही में भाजपा आलाकमान ने येदियुरप्पा को पार्टी में फैसले लेने वाली सर्वोच्च और सबसे ताकतवर संस्था संसदीय बोर्ड का सदस्य बना कर कर्नाटक की जनता को यह साफ संदेश भी देने का प्रयास किया कि प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष नड्डा की नजर में येदियुरप्पा कितने महत्वपूर्ण नेता है। भाजपा संसदीय बोर्ड के 11 सदस्यों की सूची में जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और अमित शाह के बाद येदियुरप्पा का नाम पांचवे नंबर पर है और इससे भी उनके कद का अंदाजा लगाया जा सकता है। संसदीय बोर्ड के सदस्य होने के नाते येदियुरप्पा को उम्मीदवारों के चयन की सबसे महत्वपूर्ण कमेटी केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य भी बनाया गया है।
2023 में होने वाले विधान सभा चुनाव में 150 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाना चाहती है और इसलिए भाजपा के सबसे लोकप्रिय चेहरे और स्टार प्रचारक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता भी कर्नाटक में बढ़ने जा रही है।
सरकार के स्तर पर मुख्यमंत्री बोम्मई लगातार प्रदेश के मतदाताओं से संवाद कर रहे हैं। संगठन भी केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों को लेकर लोगों के बीच अपनी सक्रियता को और ज्यादा बढ़ाने जा रहा है। आने वाले दिनों में येदियुरप्पा भी कर्नाटक के दौरे पर निकलने जा रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों को भी आने वाले दिनों में इस हिसाब से तैयार किया जाएगा कि वो महीने में कम से कम एक बार कर्नाटक के दौरे पर जरूर जाएं और इसकी शुरूआत अगले महीने सितंबर से ही हो सकती है।
आपको बता दें कि, भाजपा संसदीय बोर्ड का सदस्य बनने के बाद येदियुरप्पा ने शुक्रवार को दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात कर कर्नाटक के राजनीतिक हालात और चुनावी रणनीति को लेकर विस्तार से चर्चा की।
कर्नाटक में 2023 में चुनाव जीत कर फिर से सरकार बनाने को लेकर भाजपा की रणनीति बिल्कुल स्पष्ट है। भाजपा मुख्यमंत्री बोम्मई के नेतृत्व, पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बीएस येदियुरप्पा की सांगठनिक क्षमता एवं रणनीति और अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सहारे कर्नाटक के मतदाताओं को समर्थन हासिल कर फिर से सरकार बनाने के लिए जनादेश प्राप्त करेगी।
(आईएएनएस)
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Created On :   28 Aug 2022 12:00 PM IST