सियासी दलों के निशाने पर फिर नौकरशाही

Bureaucracy again on target of political parties
सियासी दलों के निशाने पर फिर नौकरशाही
मध्य प्रदेश सियासी दलों के निशाने पर फिर नौकरशाही
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  • सियासी दलों के निशाने पर फिर नौकरशाही

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सत्ता में कोई भी राजनीतिक दल हो, अगर कोई निशाने पर होता है तो वह नौकरशाही। मध्यप्रदेश में भी ऐसा ही कुछ हाल है। वर्तमान में भाजपा सत्ता में है और नौकरशाही उसके निशाने पर है तो इससे पहले कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी और निशाने पर नौकरशाह हुआ करते थे। सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी सरकारी महकमे पर हुआ करती है। जब भी कोई योजना असफल होती है तो अफसरशाही निशाने पर आ जाती है। वर्तमान में भी ऐसा ही कुछ है।

राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी हुए डेढ़ साल से अधिक का वक्त गुजर गया है, मगर इसमें से अधिकांश समय में कोरोना का संक्रमण रहा और सरकार की कई योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाया है। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद अब सरकार के सामने सरकारी मशीनरी की खामियां आने लगी हैं और यही कारण है कि शिवराज सिंह चौहान जनदर्शन के दौरान जिन इलाकों में जा रहे हैं, वहां सीधे सरकारी महकमे को फटकार लगा रहे हैं। निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में तो उन्होंने तीन अधिकारियों को मंच से ही निलंबित कर दिया था। पन्ना में भी शिवराज सिंह चौहान के तेवर तल्ख नजर आए और अधिकारियों को हिदायतें दी। ऐसा ही कुछ नजारा सतना जिले के रैगांव विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और खजुराहो संसदीय क्षेत्र के सांसद विष्णु दत्त शर्मा भी जब अपने संसदीय क्षेत्र के प्रवास पर थे, तो उन्हें सरकारी मशीनरी की लापरवाही और मनमानी की शिकायत मिली। यही कारण रहा कि शर्मा ने मंच से अधिकारियों को चेताया और साफ कहा कि उन्हें गरीब जनता के लिए काम करना होगा। समय पर दफ्तरों में मौजूद रहना होगा, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो वह नौकरी छोड़ दें।

इससे पहले अगर हम कमलनाथ सरकार के कार्यकाल की बात करें तो कमलनाथ लगातार नौकरशाहों को फटकार लगाते रहते थे और कई बार उन्होंने विपक्ष में रहते हुए तथा सत्ता में आने के बाद यहां तक कहा कि उनकी चक्की बहुत महीना आटा पीसती है। राज्य में आगामी समय में विधानसभा के तीन क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र में उप-चुनाव होने वाले हैं, इन चुनावों में जीत के लिए भाजपा पूरा जो लगाए हुए है। यही कारण है कि योजनाओं में गड़बड़ी और जनता की परेशानी की बात सामने आने पर नौकरशाही को आड़े हाथों लिया जा रहा है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   27 Sept 2021 3:30 PM IST

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