चीनी राजदूत राजनीतिक संकट के बीच नेपाल के शीर्ष नेतृत्व से मिलीं

Chinese Ambassador meets top leadership of Nepal amid political crisis
चीनी राजदूत राजनीतिक संकट के बीच नेपाल के शीर्ष नेतृत्व से मिलीं
चीनी राजदूत राजनीतिक संकट के बीच नेपाल के शीर्ष नेतृत्व से मिलीं
हाईलाइट
  • चीनी राजदूत राजनीतिक संकट के बीच नेपाल के शीर्ष नेतृत्व से मिलीं

काठमांडू, 18 नवंबर (आईएएनएस)। ऐसे समय में, जब नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर राजनीतिक संकट गहरा गया है, नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी ने नेपाल के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व से मुलाकात की और बीजिंग की ओर से संदेश देते हुए एकजुट रहने के लिए दबाव डाला।

पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने पार्टी सचिवालय की बैठक में शुक्रवार को प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली पर पार्टी में गड़बड़ी का आरोप लगाने लगाते हुए 19 पृष्ठों की लंबी राजनीतिक रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद से ही नेपाल में सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर सत्ता के लिए संघर्ष गहरा गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों ने नेपाल की राजनीति में बार-बार चीनी मध्यस्थता को लेकर चिंता जताई है।

प्रचंड ने अपने राजनीतिक दस्तावेज में ओली पर पार्टी के फैसले की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार और पार्टी का नेतृत्व करने में ओली विफल रहे, सरकार में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया गया और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा दिया गया है।

आंतरिक संकट पर चर्चा के लिए प्रचंड ने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर बुधवार को एक पार्टी सचिवालय की बैठक बुलाई थी, लेकिन ओली ने प्रचंड की राजनीतिक रिपोर्ट वापस लेने की मांग करते हुए बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया। नौ सदस्यीय सचिवालय सत्तारूढ़ दल के अंदर सबसे शक्तिशाली निकाय है, जहां चार सदस्यों के समर्थन के साथ ओली अल्पमत में हैं।

ओली की ओर से सचिवालय की बैठक में भाग लेने से इनकार किए जाने पर कुछ नेताओं को डर है कि पार्टी दो धड़ों में बंट सकती है। नेपाल में चीनी राजदूत होउ ने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री ओली व प्रचंड सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की और उन्हें एकजुट रहने की सलाह दी, क्योंकि बीजिंग नेपाल में चल रही राजनीतिक अस्थिरता को लेकर चिंतित है।

इससे पहले भी होउ ने इसी तरह के इस संकट को टालने का प्रयास किया था। उन्होंने जुलाई और मई में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की थी और इसी तरह की चिंता जताते हुए उन्हें मनाया था।

कई नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, होउ ने मंगलवार की शाम डेढ़ घंटे तक प्रधानमंत्री आवास पर ओली से मुलाकात की और उसके बाद ओली राष्ट्रपति भंडारी के साथ उनके संभावित राजनीतिक कदमों पर चर्चा करने गए। राष्ट्रपति भंडारी को ओली की पार्टी की ओर से ही चुना गया था, जो ओली के लिए हमदर्दी रखती है।

सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति भंडारी के साथ भी मुलाकात की और पूछताछ की कि सत्तारूढ़ दल के अंदर तनाव को कैसे खत्म किया जा सकता है, क्योंकि बीजिंग में चीनी नेता भी नेपाल के अंदर की स्थिति के बारे में समान रूप से चिंतित हैं।

ओली के साथ मुलाकात के बाद होउ ने प्रचंड के साथ मुलाकात की। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता ने कहा, उसने प्रचंड को इसी तरह के राजनीतिक संदेश से अवगत कराया कि बीजिंग नेपाल में एक एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी और स्थिर सरकार देखना चाहता है।

राजनीतिक विश्लेषक तारानाथ दहल का मानना है कि ओली सरकार के एकजुट होने की संभावना नहीं है।

एकेके/एसजीके

Created On :   18 Nov 2020 6:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story