आर्यन को क्लीनचिट बीजेपी के लिए थप्पड़
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सत्तारूढ़ 3-पार्टी महा विकास आघाड़ी सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अक्टूबर 2021 में एक क्रूजर पर सनसनीखेज छापे में में आरोपित आर्यन खान और पांच अन्य को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से क्लीन चिट दिया जाना एक सही कदम है।एमवीए में शामिल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने एजेंसी के तत्कालीन मुंबई क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की कार्रवाई को ले कर पहले दिन से ही एनसीबी की आलोचना शुरू कर दी थी।
एनसीपी के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (वर्तमान में ईडी की हिरासत में) ने एनसीबी के शहर प्रमुख वानखेड़े के खिलाफ एक बड़ा खुलासा-अभियान चलाया था और कॉर्डेलिया क्रूज जहाज छापे को भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से फर्जीवाड़ा (धोखाधड़ी) करार दिया था।राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि मलिक की यह टिप्पणी कि कैसे पूरी छापेमारी की गई और भाजपा के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले गवाहों का चयन किया गया, सही थी और अब एनसीबी ने इसे उजागर कर दिया है।
तापसे ने कहा, हमने हमेशा यह कहा कि एनसीबी एक त्रुटिहीन ट्रैक रिकॉर्ड वाला एक बहुत ही विश्वसनीय संगठन है, लेकिन हाल की कार्रवाइयों ने इसकी प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान लगाया है। वानखेड़े के खिलाफ मलिक के गंभीर आरोपों से नई दिल्ली में कुछ शक्तिशाली लोग नाराज हुए और वह अब सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने आरोप लगाया कि क्रूजर छापे और उसके बाद की घटनाएं भाजपा सरकार द्वारा एमवीए सरकार को बदनाम करने और गिराने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने की बड़ी साजिश का हिस्सा थीं, जो विफल रही हैं।
लोंधे ने कहा, अब, उनके चेहरे पर एक तमाचा पड़ा है। इस तरह की रणनीति में शामिल होने के बजाय, यह बेहतर होगा कि भाजपा अब सीख ले कि उन्हें लोगों के कल्याण के लिए काम करना है। उन्होंने घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा, सत्यमेव जयते।
शिवसेना के एमओएस किशोर तिवारी ने कहा कि उनके द्वारा दायर जनहित याचिका में उनको बयान पूरी तरह से सही हैं कि पूरी छापेमारी वानखेड़े और उनके भाजपा समर्थकों द्वारा एमवीए शासन को कलंकित करने और प्रचार में रहने के लिए की गई थी।
तिवारी ने कहा, मैं जनहित याचिका को आगे बढ़ाऊंगा और वानखेड़े के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग करूंगा, उन सभी भाजपा नेताओं के खिलाफ जिनका मंत्री मलिक ने बाद में पर्दाफाश किया था कि कैसे आर्यन खान जैसे निर्दोष लोगों को अपने जबरन वसूली रैकेट और फर्जी छापे में फोंसा गया।
एनसीबी के आर्यन और अन्य को क्लीन चिट देने के बयान के बाद, मलिक की टीम ने यह जानने की मांग की, क्या एनसीबी वानखेड़े, उनकी टीम और निजी सेना के खिलाफ कार्रवाई करेगी या अपराधियों को बचाएगी।एनसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि वह केवल उन 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाएगी जिनके खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्य के साथ ठोस सबूत मिले हैं, और शेष छह के खिलाफ आरोप हटा लिए जाएंगे।उन्होंने यह भी कहा कि व्हाट्सएप्प चैट पर आधारित किसी भी साजिश, अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट, आम इरादे का कोई सबूत नहीं था, जैसा कि मामले की जांच करने वाली वानखेड़े की अगुवाई वाली पिछली टीम ने दावा किया था। इस मामले ने सोशल मीडिया पर एक तीखी बहस शुरू कर दी। किसी भी प्रमुख भाजपा नेता ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   27 May 2022 4:30 PM IST