मध्य प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा की दलित वोट बैंक पर नजर

Congress, BJP eyeing Dalit vote bank in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा की दलित वोट बैंक पर नजर
मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा की दलित वोट बैंक पर नजर
हाईलाइट
  • 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इस वोट बैंक पर गहरी सेंध लगाई

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस की नजर अनुसूचित जाति वर्ग के वोट बैंक पर है। यही कारण है कि दोनों राजनीतिक दल इस वर्ग को लुभाने की कोशिश में लगे हैं, क्योंकि यह वोट बैंक राज्य की राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

राज्य में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के चुनाव की तैयारियां दोनों राजनीतिक दलों ने तेज कर दी हैं और मतदाताओं के बीच अपनी ताकत को बढ़ाने की कोशिश में जुट गए हैं। यह बात बीते रोज डा भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर साफ नजर भी आई।

राज्य की राजनीतिक स्थिति पर गौर करें तो विधानसभा की 230 सीटों में से 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए हैं तो वहीं 29 लोकसभा सीटों में से चार सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं और कुल आबादी में से लगभग 15 फीसदी इस वर्ग से आती है। लिहाजा किसी भी राजनीतिक दल के हिस्से में आया यह वोट बैंक सत्ता का रास्ता आसान बना सकता है, इसीलिए दोनों राजनीतिक दल इस वर्ग में अपनी पैठ को और मजबूत करना चाहते हैं।

अंबेडकर जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की तीर्थ दर्शन योजना में उन स्थानों को शामिल करने का ऐलान किया जो डॉ अंबेडकर के कार्य क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। साथ ही इस वर्ग के लिए दी जा रही अन्य सुविधाएं और राज्य सरकार द्वारा बजट में इस वर्ग के कल्याण के लिए 19 हजार करोड़ रुपए के प्रावधान का भी जिक्र किया गया।

एक तरफ जहां सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए किए जा रहे कामों का ब्यौरा दिया तो वहीं दूसरी ओर भाजपा संगठन ने राज्य के 65 हजार बूथ पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया। इसके तहत डॉ अंबेडकर की प्रतिमा पर और चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तो वही सेवा बस्तियों में कार्यक्रम आयोजित कर इस वर्ग के नागरिकों और मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। भाजपा इसी क्रम में सामाजिक न्याय पखवाड़े मना रही है ताकि इस वर्ग में अपनी पैठ को और मजबूत कर सके।

कांग्रेस भी इस वर्ग को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अंबेडकर जयंती पर एक तरफ जहां कमल नाथ सरकार के नेतृत्व वाली सरकार के काल में किए गए कामों का ब्यौरा दिया गया, तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने ऐलान किया कि डॉ अंबेडकर की सबसे ऊंची प्रतिमा भोपाल में स्थापित की जाएगी।

कुल मिलाकर देखा जाए तो दोनों ही राजनीतिक दल इस वर्ग को रिझाने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते, जहां तक कांग्रेस की बात है तो अर्से तक यह वोट बैंक कांग्रेस के खाते में रहा है लेकिन हालात बदले तो यह वोट बैंक उसके हाथ से खिसकने लगा। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इस वोट बैंक पर गहरी सेंध लगाई थी, अब भाजपा एक बार फिर वर्ष 2023 के चुनाव में इस वोट बैंक को अपने खाते में रखना चाहती है। यही कारण है कि देानों राजनीतिक दलों में खींचतान तेज हो गई है।

 

 (आईएएनएस)

Created On :   15 April 2022 12:32 PM IST

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