उपचुनाव की तिथि घोषित होते ही बढ़ी कांग्रेस की चिंता, माहरा और आर्य की है अग्नि परीक्षा
- उपचुनाव की तिथि घोषित होते ही बढ़ी कांग्रेस की चिंता
- माहरा और आर्य की है अग्नि परीक्षा
डिजिटल डेस्क, देहरादून। चम्पावत उपचुनाव में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को पहली परीक्षा से गुजरना होगा। उपचुनाव की तिथि घोषित होते ही प्रमुख विपक्षी दल प्रत्याशी के चयन में जुट गया है।
माहरा ने अपना गढ़वाल दौरा बीच में दो दिन के लिए स्थगित कर प्रदेश मुख्यालय देहरादून में डेरा डाल दिया है। पर्यवेक्षकों की ओर से संभावित प्रत्याशियों का पैनल पार्टी को भेजा जा चुका है। कोई विशेष अड़चन नहीं आई तो पूर्व विधायक और पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे हेमेश खर्कवाल उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टक्कर देते दिखाई दे सकते हैं।
चम्पावत उपचुनाव की तिथि तय होने के साथ ही कांग्रेस के खेमे में हलचल तेज हो गई है। पांचवीं विधानसभा के चुनाव के बाद पहली बार हो रहे उपचुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रत्याशी हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार भले ही मिली, लेकिन ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट पर पार्टी मुख्यमंत्री धामी को हराने में सफल रही थी। इससे पार्टी के हौसले तो बुलंद हैं, लेकिन दबाव भी साफ तौर पर नजर आ रहा है। उपचुनाव में पार्टी अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती है, ताकि उसके माध्यम से पूरे प्रदेश में संदेश दिया जा सके।
पर्यवेक्षक सौंप चुके हैं रिपोर्ट
कांग्रेस के सामने चुनौती मजबूत प्रत्याशी खड़ा करने की है। प्रत्याशी चयन को लेकर नियुक्त किए गए तीन पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंप चुके हैं। इन तीन पर्यवेक्षकों में उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी और चम्पावत जिले की ही अन्य सीट लोहाघाट से विधायक खुशाल सिंह अधिकारी शामिल हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो पर्यवेक्षकों ने पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल समेत पांच संभावित प्रत्याशियों का पैनल भेजा है। इन सभी में खर्कवाल की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
खर्कवाल का उदासीन रुख
यद्यपि, इसमें खर्कवाल का उदासीन रुख बड़ी अड़चन बना हुआ है। खर्कवाल दो बार के विधायक हैं, जबकि इस सीट से पांच बार चुनाव लड़ चुके हैं। पार्टी मुख्यमंत्री के सामने दमदार प्रत्याशी उतारने के पक्ष में है, ताकि उपचुनाव वाकओवर की तरह साबित न हो।
विधानसभा चुनाव में मिली हार और बुरी गत के बाद ही पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर सभी को चौंकाते हुए निर्णय किया था। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को उपचुनाव के माध्यम से पहली परीक्षा देनी होगी। इसीलिए नेताद्वय इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
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Created On :   4 May 2022 4:31 PM IST