चीतों पर श्रेय-युद्ध, कांग्रेस का आरोप : मोदी तथ्य नहीं बता रहे

Credit war on cheetahs, Congress alleges: Modi not telling facts
चीतों पर श्रेय-युद्ध, कांग्रेस का आरोप : मोदी तथ्य नहीं बता रहे
नई दिल्ली चीतों पर श्रेय-युद्ध, कांग्रेस का आरोप : मोदी तथ्य नहीं बता रहे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए चीतों को अभयारण्य में पिंजरों से आजाद किया तो अगले दिन रविवार को कांग्रेस ने दावा किया कि इसकी प्रक्रिया उसकी सरकार ने शुरू की थी थी, लेकिन प्रधानमंत्री पर यह तथ्य नहीं बता रहे हैं।

कांग्रेस ने रविवार को कहा कि चीतों को लाने की प्रक्रिया यूपीए सरकार ने शुरू की थी। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने अपनी बात साबित करने के लिए एक पत्र जारी किया। उन्होंने पत्र जारी करते हुए कहा, यह वह पत्र है, जिसमें 2009 में प्रोजेक्ट चीता लॉन्च किए जाने की बात है। हमारे पीएम एक पैथोलॉजिकल झूठे हैं। मैं इस पत्र को कल जारी नहीं कर सका, क्योंकि भारत जोड़ो अभियान में व्यस्त था।

एमके रंजीत सिंह को 6 अक्टूबर 2009 को लिखा पत्र लिखा गया था, जिसमें कहा गया है, कृपया आगे बढ़ें और चीतों को लाने के लिए एक ऐसा विस्तृत रोडमैप तैयार करें, जिसमें विभिन्न संभावित स्थलों का विस्तृत विश्लेषण शामिल हो। विश्लेषण भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा बीएनएचएस और डब्ल्यूटीआई जैसे अन्य संगठनों के सहयोग से किया जाना चाहिए। आप इस अध्ययन के हिस्से के रूप में राज्य वन विभागों को भी लेना पसंद कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि रोडमैप जनवरी 2010 के अंत तक एमओईएंडएफ के समक्ष पेश किया जाएगा।

कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, शनिवार को पीएम द्वारा किया गया तमाशा अनुचित था और जाहिर तौर पर, ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दों से लोगों का ध्यान मोड़ने के लिए ऐसा किया गया। जयराम रमेश ने आगे लिखा, चीता परियोजना के सिलसिले में मैंने 25.04.2010 को केपटाउन की यात्रा की थी। यह परियोजना कांग्रेस की थी। प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित तमाशा अनुचित था। यह सब राष्ट्रीय मुद्दों और भारत जोड़ो यात्रा से लोगों का ध्यान मोड़ने के लिए किया गया। उन्होंने आगे कहा, जब 2009-11 के दौरान बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में स्थानांतरित किया गया था, तो कयामत के कई नबी थे, जो गलत साबित हुए थे।

रमेश ने एक अन्य ट्वीट में कहा, जब 2009-11 के दौरान बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में स्थानांतरित किया गया था, तो कयामत के कई भविष्यवक्ता थे। वे गलत साबित हुए थे। इसी तरह की भविष्यवाणियां चीता परियोजना पर की जा रही हैं। इसमें शामिल पेशेवर प्रथम श्रेणी के हैं और मैं इस परियोजना की सफलता की कामना करता हूं!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को पिंजरों से मुक्त किया। उन्होंने देश में चीतों का विलुप्त होना घोषित किए जाने के सात दशक बाद फिर से लाने का श्रेय लिया। इस परियोजना के तहत शनिवार सुबह विशेष विमान से नामीबिया से आठ चीते ग्वालियर लाए गए थे।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   18 Sept 2022 2:00 PM IST

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