दिल्ली हाई कोर्ट ने एमपी-आईडीएसए प्रमुख की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

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सेवा मामले दिल्ली हाई कोर्ट ने एमपी-आईडीएसए प्रमुख की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की
हाईलाइट
  • कानूनहीनता का कार्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जनवरी 2019 में मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (एमपी-आईडीएसए) के महानिदेशक के रूप में सुजान आर चिनॉय की नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ वकील याचिकाकर्ता सुभाष चंद्रन केआर की जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि यह प्रमुख पद से संबंधित है जिसके लिए कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया गया था।

पीठ ने कहा कि चूंकि यह सेवा मामले से संबंधित है, इसे बनाए नहीं रखा जा सकता है और हस्तक्षेप का कोई मामला नहीं बनता है। पीठ ने कहा- इस अदालत की सुविचारित राय में, चूंकि वर्तमान जनहित याचिका एक सेवा मामले से संबंधित है, इस मामले में हस्तक्षेप के लिए कोई मामला नहीं बनता है। प्रवेश अस्वीकार कर दिया जाता है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि यह नियुक्ति कैबिनेट सचिव, रक्षा सचिव और दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक समिति द्वारा की गई है और याचिकाकर्ता का कोई संबंध नहीं है। वह एक अजनबी है। यह देखते हुए कि बहुत सारे उच्च कार्यालयों के लिए कोई विज्ञापन नहीं है, पीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

जनहित याचिका में दावा किया गया कि संस्थान ने सार्वजनिक नियुक्ति के नियमों का पालन नहीं किया, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के सख्त आदेश के मूल में कानूनहीनता का कार्य था।

 

आईएएनएस

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Created On :   4 March 2023 1:00 AM IST

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