धामी सरकार अब नकल रोकने के लिए बनाने जा रही कानून, सजा का भी प्रावधान

Dhami government is now going to make a law to stop copying, there is also a provision of punishment
धामी सरकार अब नकल रोकने के लिए बनाने जा रही कानून, सजा का भी प्रावधान
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  • धामी सरकार अब नकल रोकने के लिए बनाने जा रही कानून
  • सजा का भी प्रावधान

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने भर्तियों में नकल रोकने के लिए कानून बनेगा का फैसला कर लिया है। जिसके लिए मसौदा भी तैयार कर लिया गया है। अब सरकार विधानसभा में इसे पास कराने की तैयारी कर रही है। सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022 तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

उत्तराखंड में सभी आयोग, बोर्ड, परिषद या विश्वविद्यालय की ओर से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार इसे पटल पर रखने की तैयारी में है। शासन स्तर पर हुई बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।

सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022 तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि कानून में उम्मीदवारों, परीक्षा कराने वाली संस्थाओं और नकल माफियाओं के लिए सजा के अलग-अलग प्रावधान होंगे।

अपर सचिव कार्मिक कर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेशभर में होने वाली सरकारी भर्तियों के लिए अधिनियम को लेकर हुई बैठक में न्याय विभाग सहित तमाम संबधित विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं। दरअसल, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय के साथ ही कई भर्तियों में बड़े पैमाने पर नकल सामने आने के बाद प्रदेश में सख्त नकलरोधी कानून की जरूरत महसूस हुई। आयोग ने बोर्ड बैठक में ऐसे कानून का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था।

प्रदेश में पहली बार ऐसे लागू होगा नकलनिषेध कानून:- उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पहली बार सख्त नकल निषेध कानून लाने जा रही है। जो मसौदा तैयार हुआ है, उसे कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। यहां से मुहर लगने के बाद विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रखा जाएगा। पास होने के साथ ही यह अधिनियम कानून के रूप में लागू हो जाएगा।

अभी तक यह है प्रावधान:-

अभी तक पेपर लीक का कोई भी मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड के नकल रोधी कानून के तहत आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120 बी या हाईटेक नकल होने पर आईटी एक्ट में ही मुकदमे दर्ज होते हैं। आयोग का मानना है कि इन अपराधियों के लिए कानून के यह प्रावधान कमतर हैं।

अब ये सजा संभव:-

उम्मीदवारों पर जुमार्ने के साथ ही दो से तीन साल की सजा और परीक्षाओं से दो साल तक डिबार करना।

संस्था की पेपर लीक में भूमिका होने पर भारी भरकम जुमार्ना और पांच से सात साल तक की सजा।

नकल माफिया या गिरोह की भूमिका पर दस साल तक सजा के अलावा संपत्ति कुर्की व दस लाख तक जुर्माना।

नकल को सं™ोय और गैर जमानती अपराध मानकर इसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ही करेंगे।

कानून न होने पर पेपर लीक के 42 में से 18 आरोपियों की हो चुकी जमानत:-

प्रदेश में नकल निषेध का कोई सख्त कानून न होने की वजह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक के 42 आरोपियों में से 18 की जमानत हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले से ही भर्तियों का पूर्ण पारदर्शी सिस्टम तैयार करने और नकल- पेपर लीक रोकने के लिए बड़ा फैसला लेने की बात कह चुके हैं।

 

 (आईएएनएस)।

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Created On :   3 Nov 2022 5:31 PM IST

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