ठेकेदार की आत्महत्या मामला में ईश्वरप्पा के लिए मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने मामले के कागजात मांगे

Eshwarappa gets in trouble, court asks for papers of the case in Karnataka contractor suicide case
ठेकेदार की आत्महत्या मामला में ईश्वरप्पा के लिए मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने मामले के कागजात मांगे
कर्नाटक ठेकेदार की आत्महत्या मामला में ईश्वरप्पा के लिए मुश्किलें बढ़ीं, अदालत ने मामले के कागजात मांगे

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू,। बेंगलुरू में जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने बुधवार को कर्नाटक पुलिस से ठेकेदार की आत्महत्या मामले से संबंधित सभी दस्तावेज जमा करने को कहा, जिसमें पूर्व मंत्री के एस ईश्वरप्पा मुख्य आरोपी हैं।

ईश्वरप्पा के सहयोगियों द्वारा ठेके के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग का आरोप लगाते हुए आत्महत्या करने वाले बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल के परिवार ने अदालत में उन्हें दी गई क्लीन चिट पर सवाल उठाया है।

संतोष पाटिल के चचेरे भाई प्रशांत पाटिल ने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा ईश्वरप्पा को क्लीन चिट देने पर सवाल उठाते हुए एक याचिका दायर की है।

अदालत ने मामले की जांच करने वाली और ईश्वरप्पा को क्लीन चिट देने वाली उडुपी शहर की पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 17 सितंबर तक दस्तावेज जमा करना सुनिश्चित करे।

याचिकाकर्ता के वकील केबीएन स्वामी ने कहा कि आत्महत्या के मामले में अंतिम रिपोर्ट के साथ कोई दस्तावेज संलग्न नहीं है और इस संबंध में पुलिस विभाग को सभी दस्तावेज जमा करने के लिए निर्देश देने की मांग की।

अदालत ने मांग पर सहमति जताई और पुलिस को दस्तावेज जमा करने को कहा, खासकर वे जिन्हें उन्होंने अंतिम रिपोर्ट में संलग्न नहीं किया है।

स्वामी ने बाद में मीडिया को बताया कि आत्महत्या पर अंतिम रिपोर्ट अधूरी है। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आपत्ति दर्ज कराई जाएगी।

प्रशांत पाटिल ने कहा कि वह ईश्वरप्पा को दी गई क्लीन चिट से सहमत नहीं हैं। मेरे भाई के साथ अन्याय हुआ है क्योंकि पुलिस ने आरोपी की मदद करने के लिए पूछताछ की है।

उन्होंने कहा, अदालत ने आत्महत्या के मामले में सभी सबूत, मेरे भाई की गतिविधि की जानकारी, उसके मोबाइल से डेटा, कॉल लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज जमा करने को कहा है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसआईटी के अधिकारियों ने राजनीतिक प्रभाव में बी-रिपोर्ट (सबूत के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट) दायर की है और अदालत से मामले को एक अलग एजेंसी को सौंपने के लिए कहा है।

कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में आत्महत्या के मामले में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी।

संतोष पाटिल की मृत्यु के बाद, तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री ईश्वरप्पा को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा सरकार अपने नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को दबा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जांच के दौरान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा, गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने आरोपी ईश्वरप्पा को क्लीन चिट दे दी थी।

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि संतोष पाटिल ने एक नोट छोड़ा था जिसमें कहा गया था कि ईश्वरप्पा उनकी मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। इसके बाद भी ईश्वरप्पा से एक बार भी पूछताछ नहीं की गई।

संतोष पाटिल ने अप्रैल 2022 में आत्महत्या कर ली थी। उनके सुसाइड नोट में दावा किया गया था कि वह अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं क्योंकि वह अपने द्वारा किए गए 4 करोड़ रुपये के काम के लिए 40 प्रतिशत कमीशन का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने इस चरम कदम के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   24 Aug 2022 6:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story