पूर्व सीएम रघुवर दास का हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला कहा, सरकार की कमान बिचौलियों और सिंडिकेट के हाथ में

Former CM Raghuvar Dass big attack on Hemant Soren government
पूर्व सीएम रघुवर दास का हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला कहा, सरकार की कमान बिचौलियों और सिंडिकेट के हाथ में
झारखंड पूर्व सीएम रघुवर दास का हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला कहा, सरकार की कमान बिचौलियों और सिंडिकेट के हाथ में

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने राज्य की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सोमवार को उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि झारखंड की मौजूदा सरकार प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे कमजोर और निकम्मी सरकार साबित हुई है। सरकार की वास्तविक कमान बिचौलियों और सिंडिकेट के हाथ में है।

शराब बिक्री से लेकर साइकिल वितरण तक और स्कूलों में रेडीटूईट आहार पहुंचाने से लेकर नदियों से बालू उठाने तक के ठेके बांटने तक में नियम -कायदों को ताक पर रख दिया गया। और तो और, राज्य सरकार के सचिवालय में भी कट मनी के बगैर किसी योजना की फाइल आगे नहीं बढ़ने दी जाती। रघुवर दास ने कहा कि वह ये बातें सबूतों और प्रमाण के आधार पर कह रहे हैं। वह जल्द ही इस सरकार में हुई गड़बड़ियों पर दस्तावेज जारी करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सखी मंडलों को रेडीटूईट आहार बनाने का काम दिया था, ताकि ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण हो सके, लेकिन यह सरकार अब बाहरी ठेकेदार को यह काम देने जा रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अंडमान से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए जिस कंपनी ने विमान उपलब्ध कराया था, उस कंपनी को यह सरकार रेडीटूइट का ठेका देने जा रही है।

हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए रघुवर दास ने कहा कि उन्होंने 1 साल में 5 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन नौकरियां देने के बदले उन्होंने 13 हजार लोगों को सरकार की नौकरियों से हटा दिया। बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह 5 से 7 हजार बेरोजगारी भत्ता देने, गरीब महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपए चूल्हा भत्ता देने जैसे वादे इस सरकार ने एक झटके में भुला दिए। हेमंत सोरेन ने खुद सदन के अंदर कहा था कि 24 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होंगी, लेकिन 24 सौ शिक्षक भी आज तक बहाल नहीं किए जा सके।

रघुवर दास ने कहा कि इस सरकार के सत्ता में आते ही राज्य की विधि-व्यवस्था ध्वस्त हो गयी। सरकार बनने के डेढ़ महीने बाद ही पश्चिम सिंहभूम में सात आदिवासियों का नरसंहार हुआ, लोहरदगा में दंगे करवाये गये। संथाल परगना में सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या हुई। महिला दारोगा रूपा तिर्की की हत्या हुई। इन 2 वर्षों में 10 से ज्यादा मॉबलिंचिंग की घटनाएं हुई, जिसमें 6 की मौत और 13 लोग घायल हुए हैं।

भाजपा नेता ने सवाल उठाया कि आखिर इस सरकार में मॉबलिंचिंग की परिभाषा क्या है? क्या कोई आदिवासी और सामान्य तबके का आदमी सामूहिक हिंसा में मारा जाए तो क्या वह मॉबलिंचिंग नहीं है? सिमडेगा में संजू प्रधान नामक आदिवासी युवक को जिंदा जलाया गया, लेकिन इस सरकार ने घटना को बेहद हल्के तरीके से लिया। आदिवासियों के नाम पर बनी इस सरकार में सबसे ज्यादा जुल्म उन्हीं पर हुए हैं। आदिवासी बहुल इलाकों में धर्मांतरण करने वाली विदेशी शक्तियां सक्रिय हैं। राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों को खुली छूट दे दी गई है।

(आईएएनएस)

Created On :   10 Jan 2022 11:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story