नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन नीति पर भ्रम दूर करने में जुटी सरकार
- नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन नीति पर भ्रम दूर करने में जुटी सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष की ओर से नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन नीति पर हुई घेराबंदी के बाद केंद्र सरकार भ्रम दूर करने में जुटी है। भारतीय जनता पार्टी संगठन की ओर से भी काउंटर अटैक कर कांग्रेस नेताओं की समझ पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर पार्टी नेताओं को जनता के बीच सही तस्वीर पेश करने का निर्देश जारी हुआ है। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बीते दिनों जहां प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पी चिदंबरम पर हमला बोल चुकी हैं, वहीं भाजपा की ओर से योजना से जुड़ी जानकारियों से जुड़ी पोस्ट सोशल मीडिया पर डालकर सफाई दी जा रही है कि किसी भी राष्ट्रीय परिसंपत्ति को बेचने का कोई प्लान नहीं है। सरकार और भाजपा संगठन की ओर से मुहिम चलाकर बताया जा रहा कि मोनेटाइजेशन और प्राइवेटाइजेशन में जमीन और आसमान का फर्क है। मोनेटाइजेशन का मतलब किसी राष्ट्रीय परिसंपत्ति को किराए पर देना है न कि बेचना। भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन नीति से जुड़ीं जानकारियां शेयर कीं हैं। पार्टी ने सभी राज्य इकाइयों को निर्दश दिया है कि इस योजना के बारे में जनता के बीच सही सूचना पहुंचाई जाए। ताकि विपक्षी दलों के नेता जनता को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन नीति के नाम पर गुमराह न कर सकें।
सरकार और संगठन की सफाई
केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की प्रेस कांफ्रेंस हो या भाजपा की ओर से चलाई जाने वाली सोशल मीडिया मुहिम, हर जगह यही बताया जा रहा है कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत किसी राष्ट्रीय संपत्ति को बेचा नहीं जा रहा है। सरकार और संगठन की ओर से बताया जा रहा है कि सार्वजनिक संपत्तियों के माध्यम से आगामी चार वर्षों में सरकार छह लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इसके लिए संपत्ति को बेचने की जगह निजी क्षेत्र को किराए पर दी जाएगी। संपत्ति का स्वामित्व पूर्णतया सरकार के पास बना रहेगा। संपत्ति चार वर्ष या तय अवधि के बाद सरकार को वापस सौंप दी जाएगी। इससे वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्च र बनाने में मदद मिलेगी। इससे रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।
सरकार का कहना है कि सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डे, रेलवे, गोदाम, गैस, बिजली, खनन, दूरसंचार, गोदाम, गैस, बिजली, खनन, दूरसंचार, स्टेडियम, हॉस्पिटैलिटी और आवास शामिल हैं। निजी क्षेत्र के निवेश से इन सभी क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। कम उपयोग की परिसंपत्तियों से बेहतर मूल्य हासिल किया जा सकेगा। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने आईएएनएस से कहा, मोनेटाइजेशन का अर्थ सार्वजनिक संपत्ति की बिक्री बिल्कुल नहीं है। राष्ट्रीय संपत्तियों पर पहले की तरह सरकार का पूर्ण स्वामित्व रहेगा।नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के माध्यम से संपत्तियों को बेचा या उसका निजीकरण नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसे किराए पर दिया जा रहा है।
(आईएएनएस)
Created On :   26 Aug 2021 5:00 PM IST