भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्रन को फिर पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया

Kerala BJP President Surendran again asked to appear before police
भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्रन को फिर पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया
केरल भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्रन को फिर पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया
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  • केरल भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्रन को फिर पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को पुलिस ने खुद के समक्ष पेश होने के लिए एक दूसरा नोटिस जारी किया गया है जिसमें उन्हें उस मोबाइल फोन के साथ फिर से पेश होने के लिए कहा गया है। इसके बारे में उनका(सुरेंद्रन) दावा है कि वह खो गया है। इससे एक सप्ताह पहले वह एक चुनावी रिश्वत मामले में कासरगोड अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के सामने पेश हुए थे।हालांकि पुलिस जांच दल का दावा है कि जिस मोबाइल फोन के बारे में उन्होंने खोने की सूचना दी है, उसका उपयोग जारी है और इसलिए उन्हें एक सप्ताह के भीतर फिर से उनके सामने आने के लिए कहा है।

एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को चुनाव आयोग के नियमों के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था, जब सुरेंद्रन और दो अन्य स्थानीय भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत दी गई थी। बसपा उम्मीदवार के. सुंदरा को अपना नामांकन वापस लेने के लिए पैसे का भुगतान किया गया था। सुरेंद्रन ने विधानसभा चुनाव में दो निर्वाचन क्षेत्रों कोनी और मंजेश्वरम से चुनाव लड़ा था। पिछले हफ्ते सुरेंद्रन 75 मिनट से अधिक समय तक अधिकारियों के साथ रहे और सूत्रों के अनुसार उन्होंने सुंदरा को जानने से इनकार किया।

उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि उनके मन में देश के कानून का सर्वोच्च सम्मान है, इसलिए वह जांच अधिकारियों के सामने आए।निर्वाचन क्षेत्र से माकपा उम्मीदवार वी.वी. तीसरे स्थान पर रहे रामेसन शिकायतकर्ता हैं और कासरगोड प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सुरेंद्रन और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दी है। जब 2 मई को वोटों की गिनती हुई, तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ उम्मीदवार ए.के.एम. अशरफ ने सुरेंद्रन को 745 मतों के अंतर से हराया।

संयोग से सुंदरा ने ही मीडिया के सामने खुले तौर पर स्वीकार किया कि चुनाव से हटने के लिए उन्हें 2.5 लाख रुपये और एक स्मार्टफोन दिया गया था। उन्होंने कहा कि सुरेंद्रन के जीतने पर उन्हें कर्नाटक में 15 लाख रुपये, एक घर और एक वाइन पार्लर की पेशकश की गई थी। राजनीतिक बवाल के बाद सुरेंद्रन और उनकी पार्टी ने इस आरोप का तुरंत खंडन किया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। संयोग से 2016 के विधानसभा चुनावों में सुरेंद्रन 89 मतों के मामूली अंतर से हार गए थे और उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाली सुंदरा को 467 मत मिले थे।

 

(आईएएनएस)

Created On :   23 Sept 2021 1:31 PM IST

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