किसान आंदोलन 12वें दिन जारी, भारत बंद से पहले दिल्ली की कई सीमाएं सील

Kisan agitation continues on day 12; Delhi borders several seals before Bharat bandh
किसान आंदोलन 12वें दिन जारी, भारत बंद से पहले दिल्ली की कई सीमाएं सील
किसान आंदोलन 12वें दिन जारी, भारत बंद से पहले दिल्ली की कई सीमाएं सील
हाईलाइट
  • किसान आंदोलन 12वें दिन जारी
  • भारत बंद से पहले दिल्ली की कई सीमाएं सील

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। किसानों का आंदोलन सोमवार को लगातार 12वें दिन जारी है। किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं और आठ दिसंबर (मंगलवार) को भारत बंद का आह्वान किया है। इससे पहले किसानों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। किसानों के विरोध-प्रदर्शन के चलते दिल्ली की कई सीमाएं सील कर दी गई हैं।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा सोमवार की सुबह ट्विटर पर दी गई जानकारी के अनुसार, सिंघु, औचंडी, पियाओ, मनियारी, मंगेश बॉर्डर बंद है। इसके अलावा टिकरी और झरोडा बॉर्डर भी बंद है। उधर, उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाले मुख्य पथ, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 स्थित गाजीपुर बॉर्डर भी किसानों के आंदोलन के चलते बंद है। इसके अलावा नोएडा लिंक रोड स्थित चिल्ला बॉर्डर भी बंद है।

किसान आंदोलन के चलते सिंघु और टिकरी बॉर्डर के साथ-साथ गाजीपुर बॉर्डर पहले से ही बंद था, लेकिन अब कई और सीमाएं सील कर दी गई हैं। किसान नेताओं ने मांगे नहीं मानी जाने की सूरत में आंदोलन तेज करने की चेतावनी पहले ही दी थी। अब वे आठ दिसंबर को भारत बंद को सफल बनाने में जुटे हैं।

इस बीच उनके इस आंदोलन को कई ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन दिया है जबकि विपक्ष में शामिल तकरीबन तमाम राजनीतिक दलों का किसानों को समर्थन प्राप्त है। इस तरह धीरे-धीरे इनके विरोध-प्रदर्शन का शक्ल व्यापक बनता जा रहा है। आरंभ में आंदोलन में पंजाब और हरियाणा के किसान शामिल थे। बाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने हिस्सा लिया, लेकिन अब इस आंदोलन में संपूर्ण उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के किसान जुड़ गए हैं। हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी आरंभ से ही किसानों के इस आंदोलन में जुड़े हैं। उनका कहना है कि यह पूरे देश के किसानों का सवाल है और देशभर के किसान उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ किसानों का नहीं देश के हर वर्ग का आंदोलन है। चढ़ूनी ने मजदूरों से लेकर व्यापारियों तक सबसे आठ दिसंबर के भारत बंद में सहयोग करने का आह्वान किया है। उन्होंने लोगों से भारत बंद के दौरान सुबह से लेकर दिन के तीन बजे तक बाजार, दुकान, संस्थान को बंद रखने की अपील की है। भाकियू नेता ने कहा कि उनका यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है और भारत बंद के दौरान भी उन्होंने सबसे शांति बनाए रखने और शरारती तत्वों को इसमें शामिल नहीं होने देने की अपील की है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा है कि अगर कोई शरारती तत्व नजर आता है तो उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दें।

नए कानून से उपजी किसानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार के साथ किसान नेताओं की पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सरकार की अब तक की पहल नाकाम रही है। किसान नेता तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार ने इनमें संशोधन का प्रस्ताव दिया है।

तीनों नए कृषि कानूनों से संबंधित किसानों की समस्याओं को लेकर भारत सरकार के साथ शनिवार को किसान नेताओं के पांचवें दौर की वार्ता विफल रही। हालांकि सरकार ने उन्हें फिर नौ दिसंबर को अगले दौर की वार्ता के लिए बुलाया है।

उधर, उत्तरप्रदेश के भाकियू नेता सचिन चौधरी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार को हर हाल में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा और जब तक ये कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आठ दिसंबर को अन्नदाताओं ने भारत बंद एलान किया है जिसको देश की जनता का पूरा साथ मिलेगा।

पीएमजे-एसकेपी

Created On :   7 Dec 2020 7:12 AM GMT

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