लातेहार जिला कलेक्ट्रेट 50 घंटे से प्रदर्शनकारियों के कब्जे में, पंचायत चुनाव का कर रहे विरोध

Latehar District Collectorate in possession of protesters for 50 hours, protesting against Panchayat elections
लातेहार जिला कलेक्ट्रेट 50 घंटे से प्रदर्शनकारियों के कब्जे में, पंचायत चुनाव का कर रहे विरोध
झारखंड लातेहार जिला कलेक्ट्रेट 50 घंटे से प्रदर्शनकारियों के कब्जे में, पंचायत चुनाव का कर रहे विरोध
हाईलाइट
  • ऐसे में पंचायत चुनाव करवा कर संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है।

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के लातेहार जिले का कलेक्ट्रेट पिछले 50 घंटों से ठप है। महात्मा गांधी को पूज्य मानने वाले, हाथों में तिरंगा लेकर चलने वाले टाना भगत समुदाय के सैकड़ों लोगों ने कलेक्ट्रेट सहित जिला मुख्यालय के कई दफ्तरों पर मंगलवार सुबह 11 बजे से ही कब्जा कर रखा है। कार्यालयों में तालाबंदी कर प्रदर्शनकारी दिन-रात यहीं जमे हैं। उनकी मांग है कि राज्य के जनजातीय बहुल इलाकों में परंपरागत आदिवासी स्वशासन प्रणाली बहाल की जाये।

कलेक्ट्रेट ठप होने से पंचायत चुनाव के लिए नामांकन भरने वालों को भारी परेशानी हो रही है। हालांकि बुधवार को अफसरों ने एक दूसरी सरकारी बिल्डिंग में प्रत्याशियों के नामांकन पत्र स्वीकार किये। जिले के उपायुक्त सहित तमाम अफसर लाचार दिख रहे हैं। इन्हें समझाने का हर प्रयास विफल हो गया है। इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया में बाधा पहुंचने की सूचनाओं पर लातेहार के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संविधान की पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून के तहत जनजातीय बहुल क्षेत्रों में ग्राम पंचायत के बजाय आदिवासी स्वशासन की परंपरागत प्रणाली लागू करने की उनकी मांग जब तक नहीं मानी जायेगी, वह यहां से नहीं हटेंगे। मंगलवार सुबह दस बजे सैकड़ों टाना भगत तिरंगा झंडों के साथ घंटी बजाते हुए लातेहार डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट पहुंचे और सभी अफसरों और कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकालकर ताला लगा दिया। बुधवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या और बढ़ गयी। उन्होंने लातेहार बीडीओ कार्यालय और वन विभाग के कार्यालय को भी कब्जे में ले लिया। सैकड़ों टाना भगत अपनी मांग के समर्थन में यहां घंटी, झाल-मंजिरा और परंपरागत वाद्य यंत्र बजा रहे हैं।

अखिल भारतीय टाना भगत संघ के लातेहार जिला अध्यक्ष परमेश्वर भगत का कहना है आदिवासियों के कई संगठनों ने जिला प्रशासन को कई बार आवेदन देकर पांचवीं अनुसूची के अनुसार परंपरागत स्वशासन लागू करने की मांग की गयी है। भारतीय संविधान और कानून के अनुसार झारखंड के जनजातीय बहुल क्षेत्र में परंपरागत व्यवस्था ही चलेगी। ऐसे में पंचायत चुनाव करवा कर संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   28 April 2022 2:31 PM IST

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