कीर्ति आजाद और अशोक तंवर को ममता बनर्जी ने टीएमसी में शामिल कराया

Mamata Banerjee inducts Kirti Azad and Ashok Tanwar into TMC
कीर्ति आजाद और अशोक तंवर को ममता बनर्जी ने टीएमसी में शामिल कराया
कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर को ममता बनर्जी ने टीएमसी में शामिल कराया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद कीर्ति आजाद व हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये। दोनों नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी में शमिल हुए। इसके साथ ही राज्यसभा सांसद पवन वर्मा भी मंगलवार को टीएमसी में शामिल हुए। इस मसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अशोक तंवर को टीएमसी में शामिल करवाने के बाद कहा, अशोक तंवर आज तृणमूल में शामिल हुए हैं। अशोक तंवर जितनी जल्दी मुझे हरियाणा बुलाएंगे उतनी जल्दी मैं जाऊंगी। हरियाणा दूर नहीं है, मेरे घर के नजदीक है। राज्य के बिना केंद्र आगे नहीं बढ़ सकता, केंद्र को राज्य को साथ लेकर ही चलना होगा।

वहीं टीएमसी में शामिल होने के बाद कीर्ति आजाद ने कहा, देश को एक नेता की जरुरत है जो देश को सही दिशा में ले जाए। देश में आज विभाजन की राजनीति हो रही है। मैं ममता बनर्जी की नेतृत्व में काम करना चाहता हूं। देश को सही दिशा में ले जाने की ममता में क्षमता है। गौरतलब है कि कीर्ति आजाद कांग्रेस से पहले बीजेपी में थे और 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत कर संसद पहुंचे थे। लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें बीजेपी से निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद वो 2018 में वह कांग्रेस में शामिल हुए।

वहीं टीएमसी में मंगलवार को शामिल हुए अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में अशोक तंवर ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर टिकट वितरण के लिए पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया था, जिसके बाद वह पार्टी से अलग हो गए थे। इसी साल फरवरी में उन्होंने अपना भारत मोर्चा नाम की पार्टी बनाई थी। जिसके बाद मंगलवार को वो टीएमसी में शामिल हुए। जनता दल (यूनाइटेड) से टीएमसी में शामिल हुए पवन वर्मा ने इस दौरान कहा, जिस तरह से ममता बनर्जी बंगाल में काम कर रही हैं, उसे देखते हुए मैंने टीएमसी में शामिल होने का फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि पवन वर्मा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके हैं। 2020 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। वो लगातार सीएए का विरोध कर रहे थे, जबकि जेडीयू ने सीएए का समर्थन किया था।

(आईएएनएस)

Created On :   23 Nov 2021 8:00 PM IST

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