लोकतंत्र में नारी शक्ति: बकरी चराने वाली महिला बनी निर्विरोध सरपंच, पंच के पदों पर भी विजय हुई सभी महिलाएं, जानिए सीएम चौहान का गांव से क्या है नाता?
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डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में बकरी चराने वाली एक महिला का निर्विरोध सरंपच बन जाना लोकतंत्र की स्वच्छ राजनीति में अचानक चर्चा का केंद्र बन गया। नवनियुक्त सरपंच का नाम सुलोचना बाई और गांव का ससली बताया जा रहा हैं। वहीं गांव का नाता सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से भी बताया जा रहा हैं। ससली गांव मुख्यमंत्री चौहान के बुधनी क्षेत्र के अंतर्गत आता हैं। ससली गांव में न केवल सरपंच पद बल्कि पंच के सभी पदों पर भी महिलाओं ने बाजी मारी हैं। सौ से अधिक घर वाले गांव में तकरीबन 700 लोग रहते हैं, महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करने के चलते गांव को समरस पंचायत भी घोषित किया गया हैं।
राजनीति के वर्तमान परिदृश्य में ऐसे नजारे कम ही देखने को मिलते हैं। निर्वाचित सरपंच सुलोचना बाई ने सभी पंचायत वासियों का आभार जताते हुए गांव में विकास कराने का वादा किया हैं। महिला सरपंच ने सभी गांववासियों से वादा किया है कि किसी को भी निराश नहीं किया जाएगा। पूरी पंचायत एक साथ मिलकर काम करेगी और देश में अपने गांव को अव्वल दर्जे की श्रेणी में खड़ा करेगे। अब देखना है कि बकरी चराकर अपने घर का पालन पोषण करने वाली सरपंच सुलोचना अपने वादों और जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाती हैं।
मध्यप्रदेश में हो रहे स्थानीय नगरीय और पंचायत चुनावों में कई उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैँ। ऐसे में बकरी चराने वाली एक गरीब महिला का निर्विरोध सरपंच बनना वाकई तारीफ काबिल के साथ साथ लोकतंत्र की खूबसूरती को दिखाता हैं। जो अन्य महिलाओं को भी मार्गदर्शन का काम करेगी।
आपको बता दें इससे पहले भी ससली गांव समाचारों की सुर्खियों में अपने कार्यों को लेकर खूब वाहवाही बटोर चुका हैं। सीहोर जिले का ससली गांव पहला धुंआ मुक्त गांव बना, इसके लिए गांव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा उज्जवला योजना में अतिविशिष्ट प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित भी किया जा चुका हैं।
Created On :   20 Jun 2022 3:05 PM IST