बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या : एनआईए ने आरोपपत्र में कहा, हिंदुओं के प्रति घृणा फैलाई

Murder of Bajrang Dal worker: NIA said in the chargesheet, spread hatred towards Hindus
बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या : एनआईए ने आरोपपत्र में कहा, हिंदुओं के प्रति घृणा फैलाई
कर्नाटक सियासत बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या : एनआईए ने आरोपपत्र में कहा, हिंदुओं के प्रति घृणा फैलाई

शिवमोग्गा, (कर्नाटक) 7 सितंबर। कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में 27 वर्षीय बजरंग दल कार्यकर्ता हर्ष की हत्या की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने आरोपपत्र में उल्लेख किया है कि राज्य में अशांति के बाद हर्ष के हत्यारों ने हिंदू समुदाय के प्रति गहरी नफरत फैलाई। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एनआईए ने सनसनीखेज हत्याकांड के सिलसिले में हाल ही में एक विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि हत्यारों ने हत्या को अंजाम देने के बाद घटनास्थल पर ही नारेबाजी की। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), हिजाब संकट और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा गोहत्या पर आक्रामक अभियान के आसपास के घटनाक्रम ने आरोपी को हिंदू समुदाय के प्रति गहरी नफरत पैदा कर दी।

एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत और हिंसा फैलाने की योजना बना रहे थे। आरोपियों ने हिंदू समुदाय के जुलूसों, कार्यक्रमों और त्योहारों पर कड़ी नजर रखी। उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष पर ध्यान केंद्रित किया था जो जमीन पर और सोशल मीडिया पर भी बहुत सक्रिय थे। हर्ष ने गायों के अवैध परिवहन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने हिजाब प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कई टिप्पणियां कीं और धार्मिक कट्टरवाद की निंदा की। सूत्र बताते हैं कि इन सभी मामलों का जिक्र एनआईए ने चार्जशीट में किया है।

20 फरवरी को हिजाब संकट के चरम पर बदमाशों के एक गिरोह ने हर्षा की हत्या कर दी थी, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी। हर्ष, जिसे हर्ष हिंदू के नाम से जाना जाता था, हिंदुत्व गतिविधियों में सबसे आगे था और उसने गायों के अवैध परिवहन पर सवाल उठाया था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कट्टर हिंदुत्व संदेश साझा किए और हिजाब मुद्दे पर टिप्पणी भी की।

हत्या ने व्यापक हिंसा को जन्म दिया और पूरे राज्य में फैलने की धमकी दी। पुलिस विभाग ने तब सात दिनों से अधिक समय तक कर्फ्यू लगा रखा था और शिवमोग्गा में शांति सुनिश्चित करने के लिए 2,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया है कि कुछ संगठन हत्या के माध्यम से संदेश देना चाहते थे।

पुलिस ने अब तक हत्या के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिहान शरीफ (ए1), मोहम्मद खसिफ (ए2), आसिफुल्ला खान (ए3), अब्दुल अफान (ए4), निहाल (ए5), अब्दुल खादर जिलान (ए6), अब्दुल रोशन (ए7), फराज पाशा (ए8), सैयद नदीम (ए9) और जफर सादिक (ए10)। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धाराएं लगाई हैं।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   7 Sept 2022 2:30 PM IST

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