राकांपा कार्यकर्ताओं का विरोध, राउत की भाजपा के महात्माओं को चेतावनी

NCP workers protest, Rauts warning to the Mahatmas of BJP
राकांपा कार्यकर्ताओं का विरोध, राउत की भाजपा के महात्माओं को चेतावनी
ईडी दफ्तर में नवाब मलिक राकांपा कार्यकर्ताओं का विरोध, राउत की भाजपा के महात्माओं को चेतावनी
हाईलाइट
  • बुधवार को यहां ईडी मुंबई कार्यालयों के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री नवाब मलिक से 5 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ जारी रखी। वहीं इसे लेकर सैकड़ों एनसीपी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को यहां ईडी मुंबई कार्यालयों के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

इसके साथ ही, शिवसेना सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी के महात्माओं को 2024 के चुनावों के बाद अपने भाग्य के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी, यहां तक कि राकांपा और शिवसेना के शीर्ष नेताओं ने कथित भ्रष्टाचार के मामलों में अपने नेताओं के चुनिंदा लक्ष्यीकरण के लिए ईडी को फटकार लगाई।

एनसीपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मलिक के पोस्टर, बैनर और तस्वीरें लेकर ईडी कार्यालयों तक मार्च किया और ईडी विरोधी नारे लगाते हुए कहा, तनाशाही नहीं चलेगी, नवाब मलिक, हम आपके साथ हैं कहकर विरोध किया।राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल ने भी ईडी की खिंचाई की और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने पूछा कि क्या ईडी ने मलिक के खिलाफ मनमानी कार्रवाई करने से पहले कोई नोटिस दिया था।

सुले ने कहा, हमें इसकी उम्मीद थी और हम चिंतित नहीं हैं.. मलिक-भाई केवल सच बोलेंगे.. वह पिछले कुछ महीनों में केंद्रीय एजेंसियों को खुलेआम बेनकाब कर रहे हैं।राकांपा प्रवक्ता विद्या चव्हाण ने राजनीतिक प्रतिशोध के लिए ईडी पर हमला किया और कहा कि भाजपा नेताओं के खिलाफ विभिन्न आरोपों के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।

शिवसेना के एमओएस किशोर तिवारी ने मलिक के समर्थन में कहा, ईडी केवल महाराष्ट्र में सक्रिय है और महा विकास अघाड़ी नेताओं को परेशान कर रही है और केंद्र राज्य सरकार को गिराने के लिए एजेंसी का उपयोग कर रहा है।अतुल भटकलकर और राम कदम जैसे भाजपा विधायकों ने ईडी का बचाव किया और कहा कि पार्टी मलिक और भगोड़े माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर के सहयोगियों के बीच मलिक के कथित व्यापारिक सौदों का पूरा विवरण पहले ही सौंप चुकी है।

इस मुद्दे को सबसे पहले नवंबर 2021 में भाजपा के विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने उजागर किया था और केंद्रीय एजेंसियों को दस्तावेज सौंपे थे, लेकिन मलिक ने इसे एक तिल से पहाड़ बनाना करार दिया था।भटकलकर ने मांग की थी कि अगर जांच में मलिक के व्यापारिक सौदे साबित होते हैं या राकांपा नेता माफिया के लिए मोर्चे के रूप में काम करते पाए जाते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। बीजेपी पार्टी के योद्धा किरीट सोमैया ने एमवीए नेताओं से कहा कि उन्हें अब इस पर विचार करना चाहिए कि क्या मलिक के लिए कैबिनेट में बने रहना उचित है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   23 Feb 2022 1:31 PM IST

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