प्रधानमंत्री की दावेदारी ठोंक रहे नीतीश कुमार, बीजेपी और मोदी को टक्कर देने के लिए फूलपुर लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव

प्रधानमंत्री की दावेदारी ठोंक रहे नीतीश कुमार, बीजेपी और मोदी को टक्कर देने के लिए  फूलपुर लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
विपक्ष का नेता कौन? प्रधानमंत्री की दावेदारी ठोंक रहे नीतीश कुमार, बीजेपी और मोदी को टक्कर देने के लिए फूलपुर लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
हाईलाइट
  • फूलपुर सीट पर जेडीयू की नजर

डिजिटल डेस्क, पटना। उत्तरप्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से 2024 में नीतीश कुमार चुनावी ताल ठोंक सकते हैं। कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता देश के सबसे बड़े राज्य यूपी से होकर निकलता है। इसी के चलते बीजेपी को घेरने के लिए उसी के गढ़ में जेडीयू तैयारी कर रही है। नीतीश के यहां से मैदान में उतरने से बीजेपी के लिए यूपी पूर्वांचल का पूरा चुनावी समीकरण बदल सकता है।  वाराणसी के नजदीक होने से इसे सीधे तौर पर मोदी टक्कर से जोड़कर देखा जा रहा है।  

देश की सियासी राजनीति  में आजकल एक समीकरण सुर्खियों में खूब चल रहा है। यूपी + बिहार = गई मोदी सरकार। इसी समीकरण की सोच को लेकर बिहार के नीतीश बाबू बिहार के साथ साथ उत्तरप्रदेश की राजनीति में पैर जमाने चाहते है। क्योंकि जेडीयू नेता जानते हैं कि केवल बिहार की 40 सीटों के सहारे दिल्ली की गद्दी पर नहीं पहुंचा जा सकता। इसके लिए जेडीयू अपने नेता नीतीश कुमार को यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से 2024 के आम चुनावों में उतारने की फिराक में है। वैसे भी नीतीश कुमार मोदी को हराने में पूरे विपक्ष को समेटने की कोशिश कर रहे है। हालांकि अभी भी ना तो पूरा विपक्ष एक साथ इकट्ठा हुआ है, ना ही विपक्ष का कोई चेहरा तय हुआ है। बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही अपने आपको विपक्ष की ओर से  पीएम पद का दावेदार मानने से मना कर गए हो, लेकिन जेडीयू पार्टी के कुछ नेता अभी भी ये मानकर चल रहे है कि पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए नीतीश कुमार ही एक मात्र चेहरा है। वाराणसी से सांसद पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए वाराणसी से सौ किलोमीटर दूर फूलपुर सीट पर जेडीयू नेताओं की नजर है।

विपक्ष के पीएम चेहरे पर संशय 

जेडीयू नीतीश कुमार को विपक्ष की ओर से पीएम चेहरे के तौर पर देखकर चल रही है। समय समय पर जेडीयू नेता इस मामले को उठाने में प्रयासरत हैं। हालांकि नीतीश कुमार इससे साफतौर पर मना कर चुके हैं। नीतीश सरकार की सहयोगी पार्टी आरजेडी को नीतीश को विपक्ष का नेता बनाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन आम आदमी पार्टी, कांग्रेस इससे अड़ंगा बन सकते है। दिल्ली के बाद पंजाब में मिली ऐतिहासिक सफलता के बाद केजरीवाल ने अन्य राज्यों में अपने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं। सफलता, प्रचार और मिल रहे सफलता के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल का कॉन्फिडेंस सातवें आसमान पर है।  उधर कांग्रेस भी विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा ठोंककर राहुल गांधी को पीएम चेहरे के तौर पर इम्प्लीमेंट करना चाहती हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे सभी पार्टियों के दावों की पोल खोलेंगे। विपक्ष से अभी तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार, यूपी में बसपा पार्टी की प्रमुख मायावती ने दूरी बनाकर रखी है। उधर अखिलेश नहीं चाहेंगे कि यूपी में कोई और नेता पांव जमाएं। 

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नीतीश कुमार के फूलपुर से लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरने के सवाल पर एक टीवी इंटरव्यू में इनकार नहीं किया है। उन्होंने एक प्रकार से इस खबर पर मुहर लगा दी।

Created On :   17 Sept 2022 4:42 PM IST

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