ओबीसी कोटा को लेकर भाजपा, कांग्रेस में सियासी घमासान जारी

Political tussle continues in BJP, Congress over OBC quota
ओबीसी कोटा को लेकर भाजपा, कांग्रेस में सियासी घमासान जारी
मध्य प्रदेश ओबीसी कोटा को लेकर भाजपा, कांग्रेस में सियासी घमासान जारी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव रद्द कर दिए गए हैं, लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर एक-दूसरे पर हमला करना जारी रखा है। इनकी नजर 2023 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव पर है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शनिवार को एक नया मोड़ देते हुए भाजपा सरकार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी शक्ति का इस्तेमाल ओबीसी समुदाय के सदस्यों को धमकाने के लिए कर रही है।

नाथ ने कहा कि ओबीसी समुदाय को 2 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास पर विरोध प्रदर्शन करना था, लेकिन भाजपा सरकार ने उन्हें नोटिस जारी कर धमकाया। उन्होंने कहा, ओबीसी लोगों ने कहा कि उन्हें धमकाया जा रहा है, उन्हें नोटिस दिया जा रहा है। उन्हें थानों में बैठाया जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान सरकार ओबीसी समुदाय से इतनी डरी हुई क्यों है? उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार न तो ओबीसी समुदाय के लिए कुछ कर रही है और न ही उनकी सुनने को तैयार है।

ओबीसी महासभा ने पंचायत चुनावों और समुदाय से जुड़े कई अन्य मुद्दों में उन्हें आरक्षण से बाहर करने के लिए रविवार को विरोध प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया है। हालांकि, इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि धरना-प्रदर्शन किया जाएगा या नहीं। राज्य सरकार ने शुक्रवार (31 दिसंबर) को कमल नाथ सरकार के 2019 के अध्यादेश को रद्द करते हुए मध्य प्रदेश पंचायती राज और ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश (2) जारी किया। यह कदम शिवराज सरकार द्वारा पंचायत चुनावों पर अपना अध्यादेश वापस लिए जाने के कुछ दिनों बाद आया है।

नए अध्यादेश में कहा गया है कि यदि पंचायतों या उनके वार्डो या निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन या विभाजन के प्रकाशन की तारीख से 18 महीने के भीतर पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले किसी भी कारण से राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तब ऐसा परिसीमन या विभाजन 18 महीने की अवधि की समाप्ति पर रद्द माना जाएगा।

ऐसे में इन पंचायतों और उनके वार्डो और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन या विभाजन नए सिरे से किया जाएगा। राज्य में वर्ष 2020 के पंचायत चुनाव के लिए सितंबर 2019 में परिसीमन की कार्यवाही हुई थी, जिसे इस अध्यादेश के बाद रद्द कर दिया गया है। अब पंचायतों और उनके वार्डो और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और विभाजन की प्रक्रिया फिर से की जाएगी और इसी आधार पर चुनाव की लंबित प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

(आईएएनएस)

Created On :   1 Jan 2022 9:00 PM IST

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