कोरोना के कारण सोशल मीडिया तक सीमित रह गई है मध्य प्रदेश की सियासत

Politics of Madhya Pradesh has been limited to social media due to Corona
कोरोना के कारण सोशल मीडिया तक सीमित रह गई है मध्य प्रदेश की सियासत
कोरोना के कारण सोशल मीडिया तक सीमित रह गई है मध्य प्रदेश की सियासत
हाईलाइट
  • कोरोना के कारण सोशल मीडिया तक सीमित रह गई है मध्य प्रदेश की सियासत

भोपाल, 27 जुलाई (आईएएनएस)। देश और दनिया को कोरोना महामारी ने मुसीबत में डाल दिया है, तो मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। अब तो राज्य की सियासत पर भी इसका सीधा असर नजर आने लगा है।
राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है और वह 28 हजार को पार कर गई है। इस बीमारी के संक्रमण से राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री और बड़े नेता भी नहीं बच पाए हैं। यही कारण है कि तमाम नेताओं ने खुद को अलग-थलग कर लिया है। आलम यह है कि भाजपा द्वारा आयोजित की जाने वाली वर्चुअल रैलियों पर भी अब विराम लग गया है।

पछले दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, महामंत्री संगठन सुहास भगत और मंत्री अरविंद भदौरिया ने लखनऊ की यात्रा की थी ।, यह नेता वहां राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर शोक व्यक्त करने गए थे। उसके बाद मंत्री भदौरिया कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो अन्य नेताओं ने भी अपना कोरोना टेस्ट कराया, जिसमें मुख्यमंत्री चौहान कोरोना पॉजिटिव निकले हैं, जबकि दो अन्य नेता शर्मा व भगत का कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आए हैं।

इसके बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और सुहास भगत ने खुद को होम क्वरेंटाइन कर लिया है और आगामी 10 दिन तक किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोविड-19 चिरायु अस्पताल में उपचाररत और उन्होंने प्रदेशवासियों से कोरोना से न घबराने की अपील करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर से बाहर न निकलने की अपील भी की है।

जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कई कार्यकर्ता भी कोरोना की चपेट में आए थे। इनमें से प्रांत सेवा प्रमुख योगेंद्र सिंह योगी की तो मौत भी हो गई। उन्हें जबलपुर से उपचार के लिए भोपाल लाया जा रहा था, मगर उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

राज्य कैबिनेट की मंगलवार को बैठक प्रस्तावित है। यह बैठक भी वर्चुअल हो सकती है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के वर्चुअल होने की संभावना से इंकार नहीं किया है।

एक तरफ जहां भाजपा की तमाम बैठकें और अन्य कार्यक्रम पर विराम लगाया है, इसी तरह कांग्रेस की ओर से भी किसी तरह की बैठकें, सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। कुल मिलाकर राज्य की सियासत सोशल मीडिया पर आकर सिमट गई है। नेताओं की सारी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का सहारा लिया जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा का कहना है कि तमाम राजनेता कोरोना केा लेकर आमजन केा सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मॉस्क का इस्तेमाल करने की सलाह देते रहे। घरों में रहने पर जोर दिया गया, मगर नेता खुद इस पर काबू नही कर पाए।

बैठकें, सभाएं और दल-बदल कराने का दौर चला। सोशाल डिस्टेंसिंग का राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में ध्यान नहीं दिया गया, संक्रमण के लिए राजनीतिक दलों को भी जिम्मेदार माना जाए जो अतिश्योक्ति नहीं होगा।

 

Created On :   27 July 2020 7:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story