लॉकडाउन: श्रमिक ट्रेनों से रेलवे की कमाई पर बोले राहुल- आपदा में मुनाफा कमा रही 'गरीब विरोधी' सरकार

Rahul Gandhi attacked on Centre PM Modi anti poor Govt Benefitting during disaster coronavirus indian Railways
लॉकडाउन: श्रमिक ट्रेनों से रेलवे की कमाई पर बोले राहुल- आपदा में मुनाफा कमा रही 'गरीब विरोधी' सरकार
लॉकडाउन: श्रमिक ट्रेनों से रेलवे की कमाई पर बोले राहुल- आपदा में मुनाफा कमा रही 'गरीब विरोधी' सरकार
हाईलाइट
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला
  • राहुल ने सरकार पर आपदा को मुनाफे में बदलने का आरोप लगाया
  • लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से भी रेलवे ने की कमाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के कारण देश में लगे लॉकडाउन के दौरान चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से भी भारतीय रेलवे ने जमकर कमाई की। संकट के दौर में हुई रेलवे की कमाई को लेकर अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने केंद्र सरकार को गरीब विरोधी बताते हुए मुसीबत में फंसे लोगों से फायदा लेकर आपदा को मुनाफे में बदलने का आरोप लगाया है। 

कांग्रेस को पूर्व अध्यक्ष गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, बीमारी के बादल छाए हैं, लोग मुसीबत में हैं लेकिन गरीब विरोधी सरकार आपदा को मुनाफे में बदलने में लगी है। इसके साथ ही राहुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से रेलवे को 428 करोड़ रुपये की आमदनी होने से जुड़ी एक खबर को शेयर किया है। 

राहुल ने ट्विटर पर जिस खबर को शेयर किया है, उसमें एक आरटीआई कार्यकर्ता को रेलवे से मिले जवाब के हवाले से बताया गया है, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से रेलवे को 428 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है।

गौरतलब है कि, कोरोना के कहर को देखते हुए मोदी सरकार ने 25 मार्च को देश में अचानक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया था। जिसके कारण मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार सहित कई राज्यों के लाखों प्रवासी मजदूर दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में फंस गए थे। उनके सामने रहने खाने का संकट खड़ा हो गया था। लोग पैदल ही अपने घरों को रवाना होने लगे थे। हालांकि बाद में इन प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की थी। इन ट्रेनों से लाखों प्रवासी अपने घरों को लौटे।

किराये को लेकर हुआ था विवाद
इन श्रमिक स्पेशन ट्रेनों के किराये को लेकर उस समय भी विवाद हुआ था। दरअसल जब श्रमिक ट्रेनें शुरू हुई तो राज्यों ने मजदूरों से किराया नहीं लेने का ऐलान किया था। इसमें मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल थे। लेकिन फिर बड़े शहरों से लौट रहे मजदूरों ने शिकायत की कि जब वे ट्रेन से वापस घरों को जा रहे थे, तो उनसे किराया लिया गया। हालांकि इस पर भी केंद्र ने इस सफाई देते हुए कहा था, यात्रा का 85 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठा रही है, 15 फीसदी राज्य सरकारें दे रही हैं।

Created On :   25 July 2020 5:35 AM GMT

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