राम भारत की पहचान हैं, स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाए जाते : शिवराज चौहान

Ram is the identity of India, why is it not taught in schools: Shivraj Chouhan
राम भारत की पहचान हैं, स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाए जाते : शिवराज चौहान
राजनीति राम भारत की पहचान हैं, स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाए जाते : शिवराज चौहान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामायण, गीता और महाभारत को मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। चौहान ने यहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, राम हिंदुस्तान की पहचान हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक ग्रंथ (शास्त्र) लोगों को नैतिक रूप से शिक्षित करने में सक्षम हैं, इसलिए इन ग्रंथों को स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, मैं मुख्यमंत्री होने के नाते भी यह कह रहा हूं। हमने सरकारी स्कूलों में भी रामायण, गीता और महाभारत के गौरवशाली अध्यायों को पढ़ाने का फैसला किया है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब पिछले कुछ वर्षों में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा हिंदू धार्मिक पाठ्यपुस्तकों को शामिल करने की घोषणा की गई थी। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने 2020 में कहा था कि हिंदू धार्मिक ग्रंथों को स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों दोनों में शामिल किया जाएगा।

प्रारंभ में, इस संबंध में एक प्रस्ताव सबसे पहले राज्य विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा दिया गया था और सरकार को मध्य प्रदेश में प्राथमिक विद्यालय की किताबों में रामायण और गीता को शामिल करने के उनके प्रस्ताव पर विचार करने की सिफारिश की थी।

इसके अलावा, चौहान ने सोमवार को भगवान राम से जुड़े धार्मिक स्थलों पर कई घटनाक्रमों की भी घोषणा की। चौहान ने घोषणा की है कि भाजपा सरकार ने उज्जैन में महाकाल लोक की तर्ज पर चित्रकूट (सतना जिले में) में वनवासी लोक और ओरछा में राम राजा लोक बनाने का निर्णय लिया है।

 (आईएएनएस)।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   23 Jan 2023 8:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story