कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी पर आरक्षण का संकट
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा की मुश्किलें बढ़ रही हैं, क्योंकि हर तरफ से आरक्षण की मांग उठने लगी है। इससे पहले कि बीजेपी राज्य में एससी और एसटी के लिए आरक्षण बढ़ाने का श्रेय ले पाती, आरक्षण की मांगों को लेकर असमंजस में है।
प्रमुख जाति समूहों, पंचमसाली लिंगायत समुदाय, कुरुबा समुदायों ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया। प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय भी उनमें शामिल हो गया है। वोक्कालिगा के द्रष्टा निर्मलानंद नाथ स्वामीजी ने समुदाय को आरक्षण पाने के संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि निर्मलानंद नाथ संत ने जनसंख्या के अनुसार आरक्षण में वृद्धि की मांग की है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने वोक्कालिगाओं के लिए 4 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने की मांग की है। उन्होंने कहा, हम मांग के बारे में सोचेंगे। पिछड़ा वर्ग के लिए स्थायी समिति से राय मांगी जाएगी और हम कानूनी विशेषज्ञों से भी इस पर चर्चा करेंगे। बाद में इस संबंध में फैसला लिया जाएगा।
तटीय कर्नाटक क्षेत्र में प्रमुख बिल्लावा समुदाय ने भी आरक्षण की मांग की है। उच्च जाति समूहों की मांग राज्य में भारतीय जनता पार्टी को चिंतित कर रही है, जहां वह आगामी विधानसभा चुनावों में विजयी होने की पूरी तैयारी कर रही है। गंगा मातास्थ समुदाय एसटी वर्ग के तहत 9 उप-संप्रदायों के लिए आरक्षण का दावा कर रहा है। शांता भीष्म अंबिगरा स्वामीजी ने कहा है कि आरक्षण से इनकार करने के कारण समुदाय के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी, हम केंद्र सरकार और राज्य से समुदाय समूहों को एसटी सूची में जोड़ने का अनुरोध करते हैं, अन्यथा एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वोक्कालिगा समुदाय ने भी अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पंचमासली लिंगायत समुदाय पहले से ही आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहा है।
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Created On :   19 Oct 2022 12:30 AM IST