सिब्बल ने एससी से कहा- धीरे-धीरे घट रहा संस्था से भरोसा, जमीनी हकीकत परेशान करने वाली
- ढोंग करने का आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि संस्थान में विश्वास धीरे-धीरे कम हो रहा है और जमीनी हकीकत उन्हें परेशान कर रही है।
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्न की पीठ के समक्ष पेश होते हुए उन्होंने कहा: जिस कुर्सी पर आप बैठते हैं, उसके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है, यह एक ऐसी शादी है जिसे बार और बेंच के बीच नहीं तोड़ा जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जमीनी हकीकत उनके जैसे आदमी को परेशान करती है। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि बार और बेंच रथ के दो पहिये हैं।
सिब्बल ने ये टिप्पणी सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान का प्रतिनिधित्व करते हुए की। वह 2017 में सुआर निर्वाचन क्षेत्र से अपने चुनाव को इस आधार पर अलग करने के खिलाफ अपनी अपील पर बहस कर रहे थे कि वह कम उम्र का था। अब्दुल्ला खान पर कथित तौर पर अपने शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर उनकी उम्र का ढोंग करने का आरोप लगाया गया था।
सिब्बल ने कहा: वे जीतते हैं या हारते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन संस्थानों में विश्वास धीरे-धीरे कम हो रहा है। पीठ ने जवाब दिया कि हारने वाले पक्ष को भी संतुष्ट होकर वापस जाना चाहिए।
आजम खान के बेटे ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने उत्तर प्रदेश में सुआर विधानसभा क्षेत्र से उनके चुनाव को रद्द कर दिया था। उच्च न्यायालय ने पाया था कि उनकी आयु 25 वर्ष से कम थी, इसलिए राज्य की विधायिका में सीट भरने के लिए योग्य नहीं थे।
आईएएनएस
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Created On :   14 Sept 2022 1:00 AM IST