जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सिद्धारमैया
डिजिटल डेस्क, मैसूरु। कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि वह जबरन धर्मांतरण के खिलाफ हैं।
सिद्धारमैया ने कहा, अगर एक धर्म के लोगों को लालच देकर जबरन दूसरे धर्म में परिवर्तित किया जाता है तो ऐसे मामलों पर मेरा विरोध है। मैं इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं।
अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए, सिद्धारमैया ने कहा कि किसी को भी जबरन दूसरे धर्म में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा, अनुच्छेद 25 के तहत भारतीय संविधान ने सभी नागरिकों को किसी भी धर्म को अपनाने और अभ्यास करने की स्वतंत्रता दी है।
मैसूरु-कोडागु के सांसद प्रताप सिम्हा के मस्जिद जैसे दिखने वाले बस शेल्टर को गिराने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि दो बार के सांसद इतना गैरजिम्मेदाराना व्यवहार नहीं कर सकते।
उन्होंने सांसद प्रताप सिम्हा पर निशाना साधते हुए कहा, सरकार ने इसे बनाया है। यह उनके पैसे से नहीं बनाया गया है। क्या कोई नियम है कि बस शेल्टर गुंबद की तरह नहीं होने चाहिए? क्या वह इसी तरह की सभी इमारतों को गिरा देंगे।
उन्होंने दावा किया, इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा नहीं जाना चाहिए, केवल वोट पाने के लिए भाजपा इस तरह के मुद्दे उठा रही है।
इससे पहले, सिद्धारमैया ने राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून लाने के लिए कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की खिंचाई की थी, जो उनके अनुसार, अल्पसंख्यकों को परेशान करने के इरादे से है।
(आईएएनएस)
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Created On :   15 Nov 2022 5:00 PM IST