झारखंड में राजद की सियासी हिस्सेदारी, दावेदारी और भागीदारी बढ़ाने में जुटे तेजस्वी

Tejashwi engaged in increasing RJD political stake, claim and participation in Jharkhand
झारखंड में राजद की सियासी हिस्सेदारी, दावेदारी और भागीदारी बढ़ाने में जुटे तेजस्वी
राजनीति झारखंड में राजद की सियासी हिस्सेदारी, दावेदारी और भागीदारी बढ़ाने में जुटे तेजस्वी

डिजिटल डेस्क, रांची। राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में सियासी हिस्सेदारी, दावेवारी और भागीदारी बढ़ाने की कसरत तेज कर दी है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसी रणनीति के तहत महीने में दो दिन झारखंड में प्रवास का कार्यक्रम तय किया है। पिछले महीने 19-20 सितंबर को उन्होंने दो दिनों तक रांची में रहकर पार्टी की झारखंड इकाई के नेताओं-कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने की कोशिश की थी और अब आगामी 24 अक्टूबर को वह पलामू जिले के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर होंगे।

बिहार विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव में व्यस्तता की वजह से वह इस बार दो के बजाय एक दिन ही झारखंड में रहेंगे। तेजस्वी यादव की कोशिश है कि बिहार की सीमा से सटे झारखंड की लगभग एक दर्जन विधानसभा सीटों पर पार्टी के जनाधार का विस्तार किया जाए। गढ़वा, भवनाथपुर, चतरा, सिमरिया, लातेहार, छतरपुर, विश्रामपुर, पांकी, मनिका, कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, देवघर, गोड्डा सहित कुछ अन्य विधानसभा सीटों पर पार्टी का विशेष फोकस है। ये वो सीटें हैं, जहां का इतिहास-भूगोल राजद के लिए मुफीद रहा है। 2014 के पहले राजद को 82 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में पांच से सात विधानसभा सीटों पर जीत मिलती रही थी। राज्य में जब भी गैर भाजपा सरकार बनी, उसे सत्ता में हिस्सेदारी भी मिली। 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का पूरी तरह तरह सफाया हो गया। उधर लालू प्रसाद यादव को भी चारा घोटाले में जेल हो गयी। ऐसे में झारखंड में पार्टी की जमीन खिसकती चली गयी। तेजस्वी की कोशिश है कि झारखंड में पार्टी की खोई हुई हिस्सेदारी फिर से हासिल की जाए।

फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही सरकार में भी राजद भागीदार है। 2019 के चुनाव में पार्टी में राज्य में मात्र एक चतरा विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। पार्टी के इकलौते विधायक सत्यानंद भोक्ता को हेमंत सोरेन ने गठबंधन धर्म के तहत मंत्रिमंडल में जगह भी दे रखी है। पिछले महीने तेजस्वी यादव जब रांची आये थे तो हेमंत सोरेन से उनकी मुलाकात भी हुई थी।

झारखंड प्रदेश राजद के अध्यक्ष अभय सिंह का कहना है कि राजद खुद को झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन का मजबूत भागीदार मानता है। हम इस मिशन में जुटे हैं आगामी 2024 के चुनाव में कम से कम एक दर्जन सीटों पर पार्टी को जीत हासिल हो। तेजस्वी यादव के हर महीने दो दिन झारखंड में प्रवास से कार्यकर्ताओं में उत्साह है। पार्टी झारखंड में पार्टी के दस लाख नये सदस्य जोड़ने जा रही है। संगठनात्मक कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं और अब दूसरी पार्टियों के कई कद्दावर नेता राजद में शामिल हो रहे हैं। हाल में एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष मंदीप राम अपने साथियों के साथ हमारी पार्टी का हिस्सा बन गये हैं।

अभी झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन में राज्य के भीतर बोर्ड, आयोग, निगम और 20 सूत्री कमिटियों के गठन पर मंथन चल रहा है। राजद ने इसमें भी अपनी ओर से वाजिब हिस्से की दावेदारी पेश की है। पार्टी राज्य के राज्य के छह जिलों और 29 प्रखंडों में में 20 सूत्री कमेटी के अध्यक्ष पद पर दावा किया है। जाहिर है, यह दावेदारी तेजस्वी यादव की सहमति से ही हुई है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   18 Oct 2021 11:30 AM GMT

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