संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा

The winter session of Parliament will start from November 29 and will continue till December 23.
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा
नई दिल्ली संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और 23 दिसंबर को समाप्त होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीपीए) की बैठक में सोमवार को यह फैसला लिया गया। पिछले सत्र की तरह, दोनों सदनों - राज्यसभा और लोकसभा की बैठक - कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुसार एक साथ आयोजित की जाएगी और दोनों सदनों के सदस्यों से सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन करने की अपेक्षा की गई है। प्रत्येक सदन की लगभग 20 बैठकें होंगी और सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सुविधा के लिए विधेयक पेश कर सकती है, जिसकी घोषणा इस साल आम बजट में की गई थी।

सार्वभौमिक पेंशन कवरेज सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट को पीएफआरडीए से अलग करने की सुविधा के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अधिनियम, 2013 में संशोधन के लिए एक विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (संशोधन) अध्यादेश, 2021 को बदलने के लिए एक विधेयक, जिसे एनडीपीएस अधिनियम में सख्त सजा प्रावधानों के लिए 30 सितंबर को प्रख्यापित किया गया था, को भी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

सरकार अनुदान की पूरक मांगों के दूसरे बैच को भी पेश कर सकती है, जिससे उसे वित्त विधेयक के अलावा अतिरिक्त खर्च करने की अनुमति मिल जाएगी। यह सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्ष महंगाई, जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की हत्या और लखीमपुर खीरी कांड के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का मुद्दा भी संसद में जोर-शोर से उठाया जा सकता है। पेगासस जासूसी, महंगाई और किसानों के विरोध सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे से संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही बाधित रही थी। बता दें कि कोविड-19 महामारी के चलते पिछले साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हुआ था और बजट सत्र तथा मॉनसून सत्र को भी छोटा कर दिया गया था। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च डेटा के अनुसार, पिछले दो दशकों में मानसून सत्र के दौरान संसद में प्रोडक्टिविटी यानी कामकाज काफी कम दर्ज किया गया है, जिसमें लोकसभा का कामकाज सिर्फ 21 फीसदी जबकि राज्यसभा का कामकाज महज 28 फीसदी दर्ज किया गया है।

(आईएएनएस)

Created On :   8 Nov 2021 5:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story