दुनिया चीन के खतरे को देख रही, इससे मुकाबला होगा : पोम्पिओ
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न्यूयार्क, 16 जुलाई (आईएएनएस)। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि दुनिया चीन से आने वाले खतरों के प्रति सजग हो रही है और इसका सामना तमाम लोकतंत्र इस तरह से करेंगे जैसा पहले कभी नहीं हुआ होगा।
चीन से दुनिया भर के देशों के लिए खतरों का जिक्र करते हुए पोम्पिओ ने बुधवार को कहा, जब तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी उन गतिविधियों में संलग्न रहती है जो एक लंबे समय से चल रही हैं, तो (अब) आप देखेंगे कि केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में स्वतंत्रता प्रेमी लोकतंत्रों से उसका ऐसा टकराव होगा जैसा उसने अभी तक नहीं देखा है।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयार्क में अपने संबोधन में पोम्पिओ ने भारत में चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने का हवाला देते हुए कहा, उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से भारतीय लोगों के लिए खतरे को देख सकते हैं।
उन्होंने कहा, हम भारतीयों के साथ व्यापक स्तर पर काम कर रहे हैं। इसमें उनके साथ अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की पूरी श्रृंखला शामिल है और हम यह सुनिश्चित करने में उनकी सहायता कर रहे हैं कि उनके पास अच्छे निर्णय लेने के लिए आवश्यक सभी जानकारी हो।
उन्होंने कहा कि भारत ने चीनी ऐप पर प्रतिबंध इसलिए नहीं लगाया क्योंकि अमेरिका ने उससे ऐसा करने के लिए कहा था बल्कि इसलिए लगाया क्योंकि वह अपने नागरिकों को होने वाले खतरों के बारे में जानता है।
हालांकि, अमेरिका ने स्वयं किसी भी चीनी ऐप पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।
पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका ने भारत के सहयोग से दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों के साथ मिलकर एक ऐसा गठबंधन बनाया जिसने चीन के उम्मीदवार वान बिन्यांग को विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का प्रमुख बनने से रोक दिया और उनके बजाए सिंगापुर के डेरेन तांग को चुना गया।
अपने संबोधन में पोम्पिओ ने यह सावधानी बरती कि चीनी राष्ट्र और चीनी लोगों को एक-दूसरे से अलग रखा और सीसीपी की आलोचना पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन के मुद्दों पर भारत के साथ काम कर रहा है क्योंकि वह और जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया तथा यूरोपीय देशों जैसे देश सच्ची राष्ट्रीय सुरक्षा क्षमताओं के साथ दुनिया में महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाएं हैं और जो यह साझा समझ रखते हैं कि वैश्विक मंच पर भाग लेने के लिए राष्ट्रों को क्या करना चाहिए और चाहते हैं कि सीसीपी भी इन अपेक्षाओं को समझे।
उन्होंने अमेरिकी व्यापार को चीन से अलग करने के ट्रंप प्रशासन के इरादे के हवाले से हांगकांग का जिक्र किया और कहा कि अमेरिकी उद्यमी हांगकांग जैसी जगहों पर काम करने के राजनैतिक जोखिम से परिचिति हैं। उन्होंने इसी संदर्भ में पश्चिीमी चीन में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन का मुद्दा भी उठाया।
इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन में पोम्पिओ ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दुनिया के स्वतंत्र राष्ट्र चीन द्वारा भारत और एशिया के अन्य देशों को पेश की जा रही चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ जुड़ेंगे।
उन्होंने कहा, भारत, अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और भारतीय विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) से मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। हम अक्सर व्यापक मुद्दों पर बात करते हैं। हमने उस संघर्ष के बारे में बात की जो चीन के साथ सीमा पर हुआ है, हमने उस खतरे के बारे में बात की जो चीनी दूरसंचार बुनियादी ढांचे से पैदा हो रहा है।
Created On :   16 July 2020 4:01 PM IST