दिग्विजय सिंह के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में आने से मप्र में हलचल

There is a stir in MP due to Digvijay Singh coming in the race for the post of National President of Congress
दिग्विजय सिंह के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में आने से मप्र में हलचल
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव दिग्विजय सिंह के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में आने से मप्र में हलचल

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के लिए हो रहे चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह का नाम सामने आने से राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है, क्या वाकई में मध्य प्रदेश को दूसरी बार यह मौका मिलेगा कि उसके यहां का राजनेता कांग्रेस की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे।

पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने नामांकन पत्र लिया है और वे संभवत शुक्रवार को नामांकन दाखिल भी कर सकते हैं। वे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एक बड़े दावेदार के तौर पर उभरे हैं क्योंकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विवादों में घिर गए हैं।

दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं, विधायक से लेकर लोकसभा सांसद का चुनाव जीते हैं और उन्होंने पार्टी के कई प्रमुख पदों पर जिम्मेदारी निभाई है। इसके साथ ही वे गांधी परिवार के करीबियों में गिने जाते हैं। दिग्विजय से पहले यह चर्चा थी कि मध्य प्रदेश से कमलनाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार हो सकते हैं मगर उन्होंने साफ कर दिया है कि वे मध्य प्रदेश के अलावा कोई दूसरी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव तक वे मध्यप्रदेश नहीं छोड़ेंगे। इसके बाद वरिष्ठ नेताओं की कतार में दिग्विजय सिंह का नाम सबसे ऊपर आ गया है।

दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कतार में शामिल होने के बाद से राज्य की सियासत में हलचल मची हुई है क्योंकि उनके चाहने वालों और विरोधियों दोनों राज्य में कम नहीं है। इसके बावजूद राज्य में कांग्रेस के नेताओं को किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है। अंदर खाने सियासी हलचल तेज बनी हुई है। दिग्विजय सिंह के करीबी उत्साहित और खुश हैं मगर वे किसी तरह की राय जाहिर नहीं कर रहे हैं तो दूसरी ओर विरोधी भी चुप हैं।

ज्ञात हो कि राज्य से पहली बार कांग्रेस के अध्यक्ष शंकर दयाल शर्मा बने थे, उनका कार्यकाल 1972 से 1974 तक रहा था। अब अगर दिग्विजय सिंह को यह जिम्मेदारी मिलती है तो राज्य में दूसरा मौका हेागा जब कोई राजनेता यहां से अध्यक्ष बने।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   29 Sept 2022 1:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story