कमलनाथ के नेतृत्व में बीजेपी के ढहे दो अभेद किले
डिजिटल डेस्क, रीवा। रीवा में कांग्रेस के अजय मिश्रा बाबा महापौर का चुनाव जीत गए। 24 साल बाद बीजेपी के गढ़ रीवा में कांग्रेस ने मात दी है, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो बार चुनाव प्रचार किया था, सीएम के तूफानी प्रचार के बाद भी बीजेपी चुनाव हार गई।
दूसरी तरफ मुरैना में भी कांग्रेस ने बीजेपी को मात दी है। जहां दो केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिहं तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रचार किया था। लेकिन बीजेपी के दोनों अभेद किलों को कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने भेद दिया हैं। इसके बाद से राजनीति गलियारों के साथ साथ पार्टी के भीतर ये चर्चाएं चलने लगी कि बीजेपी आखिरकार अपने इन दो मुख्य गढ़ों को कैसे हार गई।
बताया जा रहा है कि बीजेपी में चुनावी प्रत्याशियों के नाम चयन करने में मतभेद देखा गया, वहीं कांग्रेस में सिर्फ अकेले कमलनाथ और स्थानीय नेताओं के बात सुनी, जबकि बीजेपी में स्थानीय नेताओं की अनदेखी कर कार्यालय में बैठकर दिग्गजों ने नाम तय किए, जिसमें काफी मनमुटाव देखा गया। कटनी से तो एक भाजपा कार्यकर्ता का टिकट कट जाने से नाराज होकर उसने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बीजेपी कांग्रेस दोनों को ही मात दी।
बीजेपी ने अपने गिने चुने नेताओं के जरिए प्रचार किया, जिससे कुछ स्थानीय तौर पर बड़ा रूतबा रखने वाले पार्टी नेताओं में नाराजगी देखने को मिली, ऐसे नेताओं की अनदेखी जिससे स्थानीय तौर पर मतदाता जुड़ा रहता है। जबकि कांग्रेस ने कमलनाथ ने भले ही कमान संभाली थी, लेकिन चुनाव का पूरी जिम्मेदारी स्थानीय नेताओं को दे रखी थी,जिसका अपडेट वो बार बार ले रहे थे।
बीजेपी ने चुनिंदा नेताओं के अलावा प्रत्याशी जाति के नेताओं को चुनावी प्रचारित मंच पर वरीयता नहीं दी, जिसका खामियाजा बीजेपी को नतीजों में उठाना पड़ा।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और युवाओं में सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाया, जबिक कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के साथ युवाओं को बराबर भागीदारी का मौका मिला।
Created On :   20 July 2022 10:21 AM GMT