कौन हैं कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के तीसरे प्रत्याशी केएन त्रिपाठी? किसके बूते उतरे हैं चुनाव में?
- कौन हैं कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के तीसरे प्रत्याशी केएन त्रिपाठी? किसके बूते उतरे हैं चुनाव में?
डिजिटल डेस्क, रांची। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के अलावा के.एन. त्रिपाठी नामक जिस तीसरे प्रत्याशी ने पर्चा भरा है, उनकी गिनती झारखंड में कांग्रेस के मुखर नेताओं में होती है। 50 वर्षीय त्रिपाठी ने एयरफोर्स में लगभग नौ साल तक नौकरी करने के बाद वर्ष 2000 से झारखंड के पलामू इलाके में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था। वह 2009 में डाल्टनगंज से विधायक चुने गये थे और राज्य सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे। इसके बाद वह कभी विधानसभा का चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन अपने बयानों और पार्टी से इतर अपनी सक्रियता को लेकर चर्चा में रहते हैं।
केएन त्रिपाठी का पूरा नाम कृष्णानंद त्रिपाठी हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरते हुए जो हलफनामा दिया था, उसके मुताबिक वे 41 करोड़ की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं।
वह राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) त्रिपाठी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस में एक आम कार्यकर्ता और किसान का बेटा भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है। एकमात्र यही पार्टी है, जहां हर कार्यकर्ता को लोकतांत्रिक अधिकार हासिल है।
झारखंड के सियासी हलके में कहा जा रहा है कि त्रिपाठी ने चर्चा में आने के लिए पर्चा भरा है। लेकिन त्रिपाठी इससे इनकार करते हुए खुद को सीरियस कैंडिडेट बताते हैं। उनका दावा है कि उन्हें पूरे देश भर से कांग्रेस प्रतिनिधियों का समर्थन मिल रहा है। वे खुद को सोनिया गांधी और राहुल गांधी का विश्वस्त बताते हैं और कहते हैं कि उनकी इजाजत के बाद ही इस पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
डालटनगंज शहर के रेड़मा मुहल्ले के रहने वाले त्रिपाठी ने यहीं के जीएलए कॉलेज से इंटर और ग्रेजुएशन करने के बाद 1991 में एयरफोर्स की नौकरी ज्वाइन की। वर्ष 2000 में नौकरी छोड़कर वह सार्वजनिक जीवन में आये और कांग्रेस से जुड़े। वर्ष 2002 में उन्हें कांग्रेस ने झारखंड स्टेट का ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर बनाया गया था। पहला चुनाव इन्होंने वर्ष 2005 में डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लड़ा। इसमें झारखंड के कद्दावर नेता इंदर सिंह नामधारी के हाथों पराजित हुए। डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र से 2007 में उपचुनाव भी लड़े, लेकिन पहली बार सफलता वर्ष 2009 में मिली। चुनाव जीतने के बाद 2013 में जब हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी तो उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व भी मिला।
त्रिपाठी अक्सर विवादों में भी रहते हैं। 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान वह मतदान के दिन एक बूथ पर अपनी लाइसेंसी पिस्टल लहराने की घटना को लेकर चर्चा में आये थे। इस घटना पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था। उस वक्त त्रिपाठी की लाइसेंसी पिस्टल और तीन कारतूस जब्त की गयी थी। उन्हें थोड़ी देर के लिए हिरासत में भी लिया गया था लेकिन कुछ देर बाद छोड़ दिया गया। हालांकि केएन त्रिपाठी का कहना था कि उन्होंवे बूथ लूट रोकने और अपनी आत्मरक्षा में रिवाल्वर निकाला था। उनके मुताबिक भाजपा प्रत्याशी समर्थकों ने उन्हें घेर लिया था, वे किसी तरह बुलेट प्रूफ गाड़ी से जान बचाकर वहां से निकले। त्रिपाठी का रांची में एक वाहन शोरूम के मालिक से भी गहरा विवाद हुआ था। शोरूम मालिक ने उनपर धमकी देने का आरोप लगाया था। त्रिपाठी झारखंड में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार के कई फैसलों पर मुखर विरोध जताते रहे हैं।
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Created On :   1 Oct 2022 4:00 PM IST