योगी सरकार ने दोपहर के भोजन में तिथि भोजन की अवधारणा को अपनाया
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार मध्याहन भोजन योजना के तहत तिथि भोजन (सामुदायिक दोपहर का भोजन) पेश करेगी। यह केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को अभ्यास का पालन करने के लिए दिशानिदेशरें को मंजूरी देने के चार साल बाद आया है।
इस योजना का उद्देश्य अधिक सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना और धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसे पहली बार 2014 में गुजरात में शुरू किया गया था, जिसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों में इसे लागू करने के लिए निर्देश दिया।
यह योजना विशेष अवसरों और त्योहारों पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की पारंपरिक प्रथा को पुन: पेश करने के लिए सामुदायिक भागीदारी का उपयोग करती है। विशेष सचिव, बेसिक शिक्षा, अवधेश कुमार तिवारी द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार योजना में बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए समुदाय के सदस्यों को शामिल करना है।
तिवारी ने कहा, भोजन स्कूल की रसोई में तैयार किया जाएगा और मेनू मुख्य शिक्षक और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा तय किया जाएगा। समुदाय के सदस्य विशेष अवसरों/त्योहारों पर स्वेच्छा से बर्तन या भोजन का योगदान/प्रायोजन कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि तिथि भोजन तब होता है जब किसी विशेष तिथि (तारीख), या विशेष अवसरों जैसे जन्मदिन, वर्षगांठ या त्योहारों पर, आम लोग बच्चों के लिए मध्याह्न् भोजन के लिए पोषण युक्त भोजन, या अतिरिक्त घटक प्रदान करते हैं।
लोग या तो पूर्ण भोजन या मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज के रूप में अलग खाद्य पदार्थ दे सकते हैं। तिथि भोजन मध्याह्न् भोजन का विकल्प नहीं है।
अधिकारियों ने कहा कि तिथि भोजन के दौरान संबंधित क्षेत्र के बच्चों के खान-पान के अनुसार ही खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाए। पूर्ण भोजन के मामले में अनाज, दाल और सब्जियों का संयोजन प्रदान किया जा सकता है।
(आईएएनएस)।
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Created On :   20 Dec 2022 9:30 AM IST