BCCI VS WSG: न्यायाधिकरण ने भारतीय बोर्ड के पक्ष में दिया फैसला

BCCI vs WSG: Tribunal decides in favor of Indian Board
BCCI VS WSG: न्यायाधिकरण ने भारतीय बोर्ड के पक्ष में दिया फैसला
BCCI VS WSG: न्यायाधिकरण ने भारतीय बोर्ड के पक्ष में दिया फैसला
हाईलाइट
  • बीसीसीआई बनाम डब्ल्यूएसजी : न्यायाधिकरण ने भारतीय बोर्ड के पक्ष में दिया फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीसीसीआई के लिए एक अच्छी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (सेवानिवृत) सुजाता मनोहर, मुकुंथकम शर्मा और एस. एस. निज्जर की सदस्यता वाले एक पंच न्यायाधिकरण ने बीसीसीआई द्वारा 28 जून 2010 को वल्र्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (डब्ल्यूएसजी) के साथ विदेशी मीडिया अधिकारों के करार को खत्म करने के फैसले को कायम रखा है।

बीसीसीआई के एक पूर्व अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि यह फैसला इस मामले में बीसीसीआई की अवस्थिति को सही ठहराता है। उन्होंने कहा, यह प्रासंगिक है कि न्यायाधिकरण ने बीसीसीआई की इस बात को स्वीकार कर लिया है कि ललित मोदी इस मामले में किए गए करार को छिपाने के और साथ ही डब्ल्यूएसजी मॉरीशस के तत्कालीन पदाधिकारियों द्वारा की गई गड़बड़ियों को भी छिपाने के दोषी थे।

बीसीसीआई ने आरोप लगाया था कि उस समय की आईपीएल गर्विनिंग काउंसिल के चेयरमैन ललित मोदी ने डब्ल्यूएसजी के अधिकारियों के साथ मिलकर बीसीसीआई के साथ 425 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। उस समय के बीसीसीआई के सचिव एन. श्रीनिवासन सहित बीसीसीआई के अधिकारियों ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार किया था। इस आर्बिट्रल अवार्ड ने बीसीसीआई को एस्क्रो में पड़ी राशि का इस्तेमाल करने की अनुमति दी। यह राशि 800 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

बीसीसीआई का प्रतिनिधत्व कर रहे सीनियर वकील पी. रघु रमन ने कहा, अब इस फैसले ने यह साफ कर दिया है कि ललित मोदी और डब्ल्यूएसजी ग्रुप के अन्य लोगों ने धोखाधड़ी की थी, इसलिए बीसीसीआई ने इन लोगों के खिलाफ जो पुलिस शिकायत की थी, उस पर कार्रावाई की जानी चाहिए।

 

Created On :   13 July 2020 2:00 PM GMT

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