विंटर ओलंपिक की कवरेज कर रहे पत्रकार को ऑन-एयर घसीटा
- कई देश कर चुके है खेलों का बॉयकॉट
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। शनिवार को बीजिंग विंटर ओलंपिक 2022 का रंगारंग कार्यक्रम के साथ शानदार आगाज हुआ। लेकिन ड्रैगन ने इन खेलों का राजनीतिकरण करके पहले कई देशों को निराशा किया और अब भी चीन अपनी तानाशाही से बाज नहीं आ रहा है। खेलों की रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार के साथ बदसलूकी करके इस देश ने दिखा दिया है कि वे खेलों के दौरान भी किसी भी प्रकार से प्रेस की स्वतंत्रता को अनुमति नहीं देंगे।
पत्रकार के साथ की बदसलूकी
बीजिंग विंटर ओलंपिक की रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार के साथ बदसलूकी की खबर सामने आई है। डच ब्रॉडकास्टर NOS ने एक वीडियो जारी करते हुआ दिखाया कि कैसे बीजिंग खेलों को कवर करने गए पत्रकार को सुरक्षा गार्ड ने ऑन एयर घसीटा। वह सुरक्षा गार्ड लाल रंग की पट्टी पहने हुए देखा जा सकता है।
शुअर्ड डेन डास नाम के इस डच रिपोर्टर ने इस वाकये के दौरान अपना शो जारी रखने का प्रयास किया, लेकिन NOS के स्टूडियो का प्रसारण काट दिया गया। डेली बीस्ट के अनुसार पत्रकार की रिपोर्ट पर्याप्त फोटोजेनिक (आकर्षक चित्र) नहीं थी क्योंकि मिस्टर डेन दास फैशनेबल बर्ड्स नेस्ट स्टेडियम की बजाय खराब रोशनी वाली सड़क पर शूटिंग कर रहे थे।
ट्विटर के जरिये एक पोस्ट में डच ब्रॉडकास्टर NOS ने लिखा, "हमारे संवाददाता डेन डास को दोपहर 12:00 बजे सुरक्षा गार्ड्स ने कैमरे से दूर खींच लिया था। दुर्भाग्य से, चीन में पत्रकारों के साथ आए दिन ऐसा बर्ताव हो रहा है. वह ठीक हैं और कुछ मिनट बाद अपनी कहानी खत्म करने में सक्षम थे।"
Onze correspondent @sjoerddendaas werd om 12.00u live in het NOS Journaal door beveiligers voor de camera weggetrokken. Helaas is dit steeds vaker de dagelijkse realiteit voor journalisten in China. Hij is in orde en kon zijn verhaal gelukkig een paar minuten later afmaken pic.twitter.com/GLTZRlZV96
— NOS (@NOS) February 4, 2022
द फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब ऑफ चाइना (FCCC) की पिछले महीने प्रकाशित प्रेस स्वतंत्रता रिपोर्ट के अनुसार स्वतंत्र रिपोर्टिंग को रोकने एवं बदनाम करने के लिए सरकार के प्रयास जारी हैं, जिसके कारण विदेशी पत्रकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कई देश कर चुके है खेलों का बॉयकॉट
भारत सहित कई देश पहले ही खेलों का बॉयकॉट कर चुके है। भारत सरकार ने यह फैसला सैन्य झड़प में जख्मी जवान को चीन की ओर से विंटर ओलंपिक मशाल थमाए जाने के बाद लिया था। चीन ने गलवान मुठभेड़ में शामिल एक चीनी कमांडर को मशालची बनाकर विंटर ओलंपिक्स का राजनीतिकरण किया था।
इस कड़ी में राष्ट्रपति जो बिडेन भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चीन मानवाधिकारों के हनन का अड्डा है, जिसके बाद कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ-साथ लिथुआनिया और यूनाइटेड किंगडम ने भी खुलकर चीन के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
Created On :   7 Feb 2022 1:28 PM IST