गोवा लीग फिक्सिंग: जीनियस ग्रुप को मीडिया एक्रीडेशन की होनी चाहिए जांच

Goa League fixing: Genius group should investigate media accreditation
गोवा लीग फिक्सिंग: जीनियस ग्रुप को मीडिया एक्रीडेशन की होनी चाहिए जांच
गोवा लीग फिक्सिंग: जीनियस ग्रुप को मीडिया एक्रीडेशन की होनी चाहिए जांच

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। एक शख्स का मीडिया एक्रीडेशन कार्ड के जरिए आई-लीग मैच देखना सवालों के घेरे में आ गया है और ऐसा माना जा रहा है कि उसका संबंध गोवा पेशेवर लीग है जो मैच के परिणाम को प्रभावित करने के कारण संदिग्ध सट्टेबाजी के तौर पर जानी जाती है। लंदन स्थित एक कंपनी स्पोटर्सरडार , जो सट्टेबाजी पर नजर रखती है और फीफा उसका क्लाइंट- ने गोवा प्रो लीग में 16 अक्टूबर 2019 से 19 नवंबर 2019 के बीच खेले गए छह मैचों पर अपना शक जताया।

स्पोटर्सरडार ने अपने फ्रॉड डिटेकशन सिस्टम से इन संदिग्ध गितिविधियों को देखा और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) को इस बात की जानकारी दी, जिसने अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) का रुख किया।  फरवरी में एआईएफएफ के इंटीग्रीटि ऑफिसर जावेद सिराज, जो पूर्व सीबीआई अधिकारी भी रह चुक हैं, ने गोवा फुटबाल संघ (जीएफए) से छह मैचों को लेकर सफाई मांगी थी। अधिकारियों का मानना है कि सिराज को अभी तक जीएफए से जवाब का इंतजार है।

लेकिन आईएएनएस पास मौजूद पत्र में, जीएफए ने सिराज को नौ मार्च को पत्र लिखा है जिसमें बताया है कि एआईएफएफ द्वारा दिए गए मीडिया एक्रीडेशन कार्ड के माध्यम से एक शख्स चर्चिल ब्रदर्स और गोकुलाम केरल एफसी का फातोर्दा स्टेडियम में आठ मार्च को खेला गया मैच देख रहा था और उसके पास दो या दो से ज्यादा मोबाइल फोन होंगे।

जीएफए के महासचिव जेविटो लोपेज द्वार हस्ताक्षर किए गए पत्र में लिखा है, हमारी जांच के मुताबिक, हमने पाया है कि एक शख्स आठ मार्च 2020 को फातोर्दा के नेहरू स्टेडियम में आई-लीग का मैच नंबर-86, चर्चिल ब्रदर्स और केरल फुटबाल क्लब का मैच वेस्ट स्टैंड के अपर टाइर में देख रहा था और मैच के बारे फोन पर बता रहा था। उसके पास दो से ज्यादा फोन थे। यह तकरीबन 20:25 बजे की बात है।

जीएफए अधिकारी ने जब उसे पकड़ा तो उसके पास मीडिया एक्रीडेशन कार्ड था जो जीनियर ग्रुप के नाम पर था जो बेट365 से जुड़ा हुआ था, तब वह फोन पर था। जीएफए ने अपने पत्र में लिखा है कि उसने इस बारे में एआईएफएफ के मीडिया निदेशक निलांजन दत्ता को तुरंत जानकारी दे दी थी और यह वैरीफाई कर लिया गया था कि कार्ड एआईएफएफ से मान्यता प्राप्त है।

एआईएफएफ के मीडिया निदेशक ने जीएफए से इस मुद्दे को स्टेडियम के मैच कमिश्नर को बताने के बारे में कहा था। पत्र के मुताबिक वह संदिग्ध शक्स प्रेस ट्रिब्यून में नहीं बैठा था बल्कि वह दर्शकों में बैठा था इसलिए पकड़ा नहीं जा सका। पत्र में आगे लिखा है, हमें पता चला है कि उसी शख्स ने गोवा पेशेवर लीग के मैच भी देखे थे और जिन लोगों ने उसे देखा था उनका कहना है कि वह किसी तरह की कॉमेंट्री कर रहा था।

पत्र के मुताबिक, हमारी जांच के मुताबिक हमें बताया गया है कि उस अधिकतर समय अपना फोन उपयोग में ले रहा था। चूंकि जीनियर ग्रुप बेट365 से जुड़ा है तो ऑनलाइन सट्टेबाजी की संभावना काफी ज्यादा है। हालांकि हमारे पास इस संबंध में किसी तरह का कोई सबूत नहीं है। हमें बताया गया है कि बेट365 भारत में मान्य है और इसलिए जीनियस ग्रुप को दिया गया मीडिया एक्रीडेशन पर गंभीर रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। हमारी जांच जारी है और हम इस संबंध में आपको जानकारी देते रहेंगे।

एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, आमतौर पर राज्य संघ अपने एरिया में होने वाले आई-लीग मैचों के लिए एक्रीडेशन देती है। लेकिन यह गलत एक्रीडेशन जो जीनियस ग्रुप को मिला था वो सीधे एआईएफएफ से मान्यता प्राप्त था। सूत्र ने कहा, आमतौर पर यह सट्टेबाजी संगठन डेटा कंपनी को काम पर रखती हैं जो उन्हें अहम आंकड़े देती हैं जो सट्टेबाजी को प्रभावित कर सकती है। सिराज की रिपोर्ट में जहां उन्होंने जीएफए से सफाई मांगी है, में लिखा है, प्रथम ²ष्टा में ऐसा लगता है कि मैच फिक्स था। रिपोर्ट में लिखा गया है कि साफ तौर पर इस बात के सबूत मिलते हैं कि सट्टेबाजी हुई है और मैच के परिणाम को प्रभावित किया गया ताकि मुनाफा कमाया जाए।

 

Created On :   4 Aug 2020 1:00 PM IST

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