क्रिकेट: टाइट शेड्यूलिंग मामले में कोहली को मिला शुक्ला का साथ

Kohli got Shuklas support in tight scheduling case
क्रिकेट: टाइट शेड्यूलिंग मामले में कोहली को मिला शुक्ला का साथ
क्रिकेट: टाइट शेड्यूलिंग मामले में कोहली को मिला शुक्ला का साथ
हाईलाइट
  • टाइट शेड्यूलिंग मामले में कोहली को मिला शुक्ला का साथ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व चेयरमैन राजीव शुक्ला ने शुक्रवार को टीम इंडिया कैलेंडर में खराब शेड्यूलिंग के लिए प्रशासकों की समिति (सीओए) की आलोचना की और कहा कि किसी विशेष सीरीज के लिए कार्यक्रम तय करते वक्त खिलाड़ियों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

शुक्ला ने बीसीसीआई को टैग करते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया, मैं विराट कोहली से सहमत हूं। कोहली ने सही कहा है कि शेड्यूल काफी टाइट है और टीम को एक के बाद एक सीरीज और मैच नहीं मिलने चाहिए। खिलाड़ियों को आराम का वक्त मिलना चाहिए। सीओए को किसी भी कार्यक्रम को फाइनल करने से पहले इसका ध्यान रखना चाहिए था।

शुक्ला का यह बयान कप्तान कोहली द्वारा टाइट शेड्यूलिंग को लेकर नाराजगी जाहिर किए जाने के बाद आया है।

कोहली ने न्यूजीलैंड पहुंचने के बाद बीसीसीआई के ट्रेवल प्लान को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। कोहली चाहते हैं कि बोर्ड ट्रेवल प्लान को लेकर फिर से विचार करे।

बीसीसीआई ने हालांकि अपने ट्रेवल प्लान का बचाव किया है और कहा है कि कोहली को इस बारे में अगर कोई शिकायत थी कि उन्हें मीडिया से इस सम्बंध में बात करने से पहले उससे बात करनी चाहिए थी।

आईएएनएस से बात करते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि कोहली को अपने विचारों से अवगत कराने का पूरा अधिकार है लेकिन बोर्ड अपनी ओर से हरसम्भव प्रयास करता है कि उसके ट्रेवल प्लान से किसी खिलाड़ी को परेशानी ना हो।

अधिकारी ने कहा था, कोहली को मुद्दा उठाने का पूरा अधिकार है लेकिन सच कहूं तो खिलाड़ियों की सुविधा का ध्यान रखकर ही ट्रेवल प्लान तय किया जाता है। आप देखिए कि विश्व कप से पहले हमने जितना सम्भव हो सका खिलाड़ियों को स्पेस दिया और इसी क्रम में खिलाड़ियों को दिवाली के समय ब्रेक मिला।

बीसीसीआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह प्लानिंग सीओए के समय की है और अगर कोहली को इससे कोई समस्या थी तो उन्हें मीडिया से नहीं बल्कि बीसीसीआई सचिव से बात करनी चाहिए थी।

अधिकारी ने कहा, शेड्यूल टाइट था लेकिन यह शेड्यूल सीओए के समय बना था और सीईओ की निगरानी में बना था। ऐसे में कोहली को इस समस्या को बोर्ड के सामने उठाना चाहिए था। तब इसका समाधान निकल सकता था। कोहली अपनी बात कहने के लिए आजाद हैं लेकिन हर बात के लिए एक तरीका है, जिसका पालन किया जाना चाहिए था।

 

Created On :   24 Jan 2020 8:30 AM GMT

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