पंजाब सरकार के पास टिकटॉकर्स के लिए पैसा है, हमारे लिए नहीं : सिमरनजीत कौर

Punjab government has money for ticket lockers, not for us: Simranjeet Kaur
पंजाब सरकार के पास टिकटॉकर्स के लिए पैसा है, हमारे लिए नहीं : सिमरनजीत कौर
पंजाब सरकार के पास टिकटॉकर्स के लिए पैसा है, हमारे लिए नहीं : सिमरनजीत कौर

नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। भारत की महिला मुक्केबाज सिमरनजीत कौर से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन इस वादे को पांच महीने हो गए हैं और अभी तक इस मुक्केबाज को नौकरी नहीं मिली है।

टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली सिमरनजीत ने जनवरी में पत्रकारों के साथ अपनी वित्तीय स्थिति साझा की थी। अमरिंदर ने तुरंत ट्विटर के माध्यम से मुक्केबाज को मदद का आश्वासन दिया था।

उन्होंने लिखा था, मैंने खेल सचिव को कहा है कि वह इस मामले में जो हो सकता है वो करें।

उन्होंने कहा था कि क्रिकेटर हरभजन सिंह और खेल मंत्री किरण रिजिजू ने भी उस समय सिमरनजीत की मदद की बात कही थी।

सिमरनजीत ने हालांकि कहा है कि उन्हें राज्य सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मिली है।

महिला मुक्केबाज ने आईएएनएस से कहा, मुझे सरकार के पैमाने के बारे में नहीं पता। मुझे पांच लाख रुपये देने का वादा किया गया था लेकिन किसको चिंता है? यहां, टिकटॉस स्टार्स को पंजाब सरकार से समय पर पैसा मिलता है।

उन्होंने कहा, मार्च में जब मैं पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री से मिली थी तो उन्होंने मुझे नौकरी देने का वादा किया था लेकिन किसे परवाह है।

सिमरनजीत ने कहा, वह हम खिलाड़ियों को जिसके हम हकदार हैं या जो हमसे वादा किया गया है, उसके लिए भीख मांगते क्यों देखना चाहते हैं?

उन्होंने कहा, मुझे अभी तक कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है। एक भी कागज लिखित में नहीं है। मुझे नहीं पता कि किससे मिलूं और किससे अपील करूं। मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सकती। लॉकडाउन में हर कहीं हर कुछ ठप पड़ा है। देखते हैं कि यह सब कब खत्म होता है और मुझे कब नौकरी मिलती है। उन्हें समझना चाहिए कि मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है।

लुधियाना के चाकर गांव की रहने वाली सिमरनजीत पांच सदस्यों के अपने परिवार में कमाने वाली इकलौती सदस्य हैं। उनके परिवार में मां के अलावा दो भाई, बड़ी बहन हैं। उनके पिता का 2018 में दिला का दौरा पड़ने से देहांत हो गया था तब से उनका परिवार पूरी तरह से सिमरनजीत पर ही निर्भर है जो अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर जो कमाई करती हैं उससे अपना घर चलाती हैं। 24 साल की यह मुक्केबाज इस समय पटियाला में चल रहे राष्ट्रीय शिविर में हैं।

ट्रेनिंग के बारे में उन्होंने कहा, मेरी ट्रेनिंग अच्छी चल रही है। मैं टोक्यो ओलम्पिक खेलों में पदक जीतना चाहती हूं। कई दिनों बाद ट्रेनिंग शुरू करके अच्छा लग रहा है।

 

एकेयू/एसजीके

Created On :   25 Aug 2020 4:31 PM IST

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